चाचा-भतीजे को साथ देख छूट रहे BJP के पसीने
Chirag Paswan: इण्डिया गठबंधन के शील्पकार माने जाने वाले नीतीश कुमार के साथ आने के बाद बीजेपी (भाजपा) की स्थिति बिहार में तो मजबूत हो गई है, लेकिन दूसरे सहयोगियों के साथ सामंजस बिठाना चुनौती बन चुकी है। भाजपा चिराग पासवान और उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को खुश रखने का तरीका ढूंढ रही है। ऐसा इसलिए कि भगवा खेमा उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को भी साथ रखना चाहता है।
नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी से पहले बिहार में चिराग पासवान बीजेपी के सबसे जरूरी सहयोगी थे। उन्होंने कई मौकों पर स्वयं को पीएम मोदी का हनुमान भी कहा था। लेकिन नीतीश के साथ आते हुए वह अब हासिए पर जाते दिख रहे हैं। तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने हालात को भांपते हुए चिराग पासवान को आठ लोकसभा सीटों का ऑफर दे दिया। इनमें से छह बिहार की सीट और दो बिहार से बाहर की सीट शामिल है। इसके लिए चिराग को महागठबंधन में शामिल होना होगा।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा अब इस पर विचार कर रही है कि चिराग के साथ किस ढंग से सीट शेयरिंग करनी है। पार्टी के कुछ नेता इसे दबाव की राजनीति बताते हैं। आपको बता दें कि चिराग पासवान के पास कथित तौर पर 6-7% वोटों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, पार्टी में हुई टूट के बाद इसका आकलन होना बाकी है।
राजद के एक नेता ने कहा, “चिराग और तेजस्वी एक-दूसरे का बहुत सम्मान करते हैं। हमारे पास हमेशा उनके लिए एक स्थायी प्रस्ताव रहा है। निर्णय उन्हें करना है। लालू प्रसाद और राम विलास पासवान के बीच बहुत अच्छे सियासी संबंध थे।”
चिराग के अतिरिक्त बीजेपी को उनके चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को भी संतुष्ट करना होगा। पारस राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (एनएलजेपी) के प्रमुख हैं और एनडीए के सहयोगी भी हैं। चिराग और पशुपति पारस दोनों ही पासवान की सियासी विरासत के वास्तविक उत्तराधिकारी होने का दावा करते हैं।
एक बीजेपी नेता ने कहा, “2019 के लोकसभा चुनावों में हमने एलजेपी और जेडी (यू) के सहयोगियों के साथ बिहार में 40 में से 39 सीटें जीतीं। यह एक अच्छी केमेस्ट्री है। हम इसमें खलल डालने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं, लेकिन हमारी चुनौती यह है कि पारस को कैसे और कहां समायोजित किया जाए। चिराग हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने पर अड़े हैं। अभी पशुपति पारस वहां से सांसद हैं।”
भाजपा के एक नेता ने बोला कि चिराग पासवान ने पिछले सप्ताह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी और उन्हें आशा है कि टकराव जल्द ही सुलझ जाएगा। ऐसी चर्चा है कि पारस को समस्तीपुर से चुनाव लड़ने के लिए बोला जा सकता है, वर्तमान में इस सीट से चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज सांसद हैं।
अगर ऐसा होता है तो चिराग एनडीए में बने रह जाएंगे और तेजस्वी यादव के विरुद्ध एक युवा चेहरा एनडीए के पास होगा, जो कि लोकसभा चुनाव के दौरान पलटवार करते नजर आएंगे।
बीजेपी और एलजेपी दोनों सूत्रों का बोलना है कि चिराग को 5 लोकसभा सीटें और एक राज्यसभा सीट की पेशकश की जा सकती है। 2019 की तुलना में 1 कम होगी।