मिर्गी बीमारी से हैं परेशान, यहां होगा फ्री में इलाज
गुमला जिले में मिर्गी के रोगियों के उपचार के लिए आनें वाले 6 फरवरी को मुफ़्त का आयोजन होने जा रहा है। यह शिविर स्वास्थ के क्षेत्र में लाइफ लाइन कहे जाने वाले सदर हॉस्पिटल में होगा। जिला मुख्यालय के जशपुर रोड में स्थित है।
मिर्गी की रोग के दौरान मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की अवस्था बिगड़ जाती है, जिसके कारण दौरे पड़ते हैं।आनुवांशिक विकार या मस्तिष्क पर आघात या स्ट्रोक जैसी चोट के कारण भी मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। इसमें आदमी का दौरा पड़ने पर असामान्य व्यवहार, लक्षण, और उत्तेजना अनुभव करता है। वह कभी-कभी चेतना भी खो देता है।गुमला के लोगों को इससे बचाने के लिए आनें वाले 6 फरवरी को मिर्गी( एपिलेप्सी) रोगियों के लिए निः शुल्क चेकअप कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
रिम्स के चिकित्सक द्वारा किया जाएगा चेकअप
मिर्गी के रोगियों का उपचार रांची रिम्स हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंटल प्रमुख डाक्टर सुरेंद्र कुमार द्वारा चेकअप किया जाएगा। उपचार के साथ मिर्गी के रोगियों को निः शुल्क दवाई भी दी जाएगी। डाक्टर मोनिका ने बोला कि जिले के लगभग 2500 मिर्गी के रोगियों को चिन्हित किया गया है। जिन्हें बेहतर उपचार की जरूरत है। पिछले साल भी जांच अभियान और शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें 1 हजार से अधिक रोगियों ने शिविर में भाग लिया था। जिसका जांच किया गया था।इस बार पुनः कैंप का आयोजन होने वाला है।
ग्रामीण क्षेत्र में इसे मानते है पूर्व जन्म का पाप
एसीएमओ गुमला पीके सिन्हा ने बोला कि जो भी न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम होता है। ये प्रॉब्लम एक दिन में ठीक नहीं होता है।ठीक होने के लिए सालों समय लगता है।इसके लिए नियमित उपचार चाहिए। इसके लिए रोगी को नियमित इलाज, वैक्सीन ,दवा की आवश्यकता होती है। पिछले साल शिविर का आयोजन किया गया था। अब हमारा कोशिश यह होगा कि प्रत्येक एक,दो माह में इस तरह का शिविर का आयोजन किया जाएगा।ताकि लोगों का नियमित रूप से जांच होता रहे। ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास के कारण इसे लोग पूर्व जन्म का पाप कहते है। अंधविश्वास के कारण लोग जूता चप्पल सूंघाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जोर-शोर से कोशिश किया जाएगा ताकि अंधविश्वास दूर हो सके। इसके साथ ही इस रोग से पीड़ित बीमार का रखरखाव, देखभाल के बारे में भी लोगों को सतर्क किया जाएगा।