अंतर्राष्ट्रीय

Israel-Hamas युद्ध पर क्यों वायरल हुआ जयशंकर का धांसू बयान…

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चल रहे युद्धों (रूस-यूक्रेन, इज़राइल-हमास) पर बोलते हुए बुधवार को बोला कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इज़राइल पर धावा आतंकवाद था और फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से वंचित कर दिया गया है. मलेशिया के कुआलालंपुर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर हिंदुस्तान की स्थिति के बारे में भी बात की और बोला कि संघर्ष का कोई विजेता नहीं होता. इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध पर विदेश मंत्री ने बोला कि  7 अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद था, दूसरी तरफ कोई भी आप जानते हैं, बेगुनाह नागरिकों की मृत्यु को बर्दाश्त नहीं करेगा. राष्ट्रों को मुनासिब ठहराया जा सकता है. कम से कम उनके अपने मन और प्रतिक्रिया में, लेकिन आपके पास ऐसी प्रतिक्रिया नहीं हो सकती जो अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून नामक किसी चीज़ को ध्यान में नहीं रखती है.

विदेश मंत्री ने बोला कि तथ्य यह है कि इस मामले के अधिकार और गलतियाँ जो भी हों, अंतर्निहित मामला फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों और इस तथ्य का है कि उन्हें उनकी मातृभूमि से वंचित कर दिया गया है. रूस-यूक्रेन संघर्ष पर हिंदुस्तान की स्थिति पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, जयशंकर ने बोला कि हम भी ऐसे राष्ट्र रहे हैं जिनके पास इस (यूक्रेन) मामले पर विभिन्न पहलुओं पर रूसियों से बहुत साफ और साफ रूप से बात करने का अवसर है. आप जानते हैं दूसरों ने संदेश भेजने के लिए हमारा इस्तेमाल किया है. वैसे, यही बात गाजा-इजरायल संघर्ष के मुद्दे में भी लागू होती है.

जयशंकर ने बोला कि हमने प्रारम्भ से ही यह रुख अपनाया था कि आपको युद्ध के मैदान पर इस संघर्ष का निवारण नहीं मिलेगा. दिन के अंत में, हर पार्टी और कई बेगुनाह दर्शक या अन्य देश भी बर्बाद हो जाते हैं या प्रभावित होते हैं. किसी न किसी तरह से संघर्ष से. इसलिए, हमारी स्थिति इस संघर्ष को आखिरी स्थिति में लाने का एक तरीका खोजने के लिए है.

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