अंतर्राष्ट्रीय

अजित डोभाल ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से की मुलाकात

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से मुलाकात की है. इस दौरान भारत-चीन सीमा टकराव और असली नियंत्रण रेखा के विवादित मुद्दों पर दोनों राष्ट्रों के बीच वार्ता हुई. हिंदुस्तान ने असली नियंत्रण रेखा के मुद्दे पर चीन को दो टूक सुना दी है. हिंदुस्तान ने बोला है कि जब तक चीन एलएसी पर अपनी हरकतें बंद नहीं करता, तब तक दोनों राष्ट्रों के बीच संबंध सामान्य नहीं हो सकते. डोभाल और वांग की मुलाकात सोमवार को जोहानिसबर्ग में ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ की बैठक के इतर हुई. वांग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति में विदेश मामलों के आयोग कार्यालय के निदेशक हैं.

डोभाल और उनकी मुलाकात इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग के बीच बैठक के कुछ दिन बाद हुई. हिंदुस्तान और चीन में इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा हुई. इससे पहले जयशंकर और वांग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन-चैन से संबंधित लंबित मुद्दों पर चर्चा की थी. हिंदुस्तान और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले तीन वर्ष से सेना गतिरोध जारी है. जयशंकर ने इसे अपने लंबे राजनयिक करियर की सबसे जटिल चुनौती कहा है. हिंदुस्तान ने साफ किया है कि जब तक सीमा क्षेत्र में शांति कायम नहीं होगी, तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के मुताबिक, डोभाल से मुलाकात में वांग ने बोला कि दोनों राष्ट्रों को आपसी रणनीतिक विश्वास बढ़ाना चाहिए, आम सहमति एवं योगदान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बाधाओं को दूर करना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत तथा स्थिर विकास के रास्ते पर ले जाना चाहिए.

चीन ने बोला आधिपत्य का नहीं करेंगे प्रयास

‘शिन्हुआ’ के अनुसार, वांग ने बल देकर बोला कि चीन कभी आधिपत्य स्थापित करने का कोशिश नहीं करेगा और वह बहुपक्षवाद एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण का समर्थन करने तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रबंध के अधिक न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देने के लिए हिंदुस्तान सहित अन्य विकासशील राष्ट्रों के साथ काम करने को तैयार है. इससे पहले, डोभाल ने सोमवार को ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ की बैठक में साइबर सुरक्षा से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक कोशिश का आह्वान किया. एनएसए ने ब्रिक्स और ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ समूह के राष्ट्रों के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय चर्चाएं भी कीं. दक्षिण अफ्रीका अगले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. ब्रिक्स राष्ट्रों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.(भाषा)

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