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पाकिस्तान में एक बार फिर अस्थिर सरकार का डर

पाकिस्तान में एक बार फिर अस्थिर गवर्नमेंट का डर दिखने लगा है राष्ट्र में हुए चुनाव में नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की पार्टियां पीएमएल-एन और पीपीपी खाली हाथ रह गई हैं ये दोनों पार्टियां बहुमत से दूर हैं इतना ही नहीं, यदि दोनों पार्टियों की जीती हुई सीटों को जोड़ दिया जाए तो भी इन पार्टियों को बहुमत के लिए 134 सीटें मिलती नहीं दिख रही हैं

वहीं दूसरी ओर पाक की जनता ने कैप्टन साहब यानी पूर्व पीएम इमरान खान के नाम पर भरोसा जताया है इमरान के नाम पर यह चुनाव लड़ने वाले निर्दलियों को काफी कामयाबी मिली है, लेकिन इन निर्दलियों के पास कोई नेता नहीं है उधर, पाकिस्तानी सेना को भी इमरान पसंद नहीं आ रहे हैं ऐसे में हिंदुस्तान के इस पड़ोसी राष्ट्र में किसकी गवर्नमेंट बनेगी ये बोलना कठिन लग रहा है यहां यह बोलना अधिक कठिन है कि यदि कोई पार्टी गवर्नमेंट बनाएगी तो वह कितनी टिकाऊ होगी

चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो इमरान खान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे अधिक सीटें जीती हैं ताजा अपडेट के अनुसार उन्हें 100 सीटें मिली हैं पाक मुसलमान लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 71 सीटें जीतीं, जबकि पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी की पाक पीपुल्स पार्टी ने 53 सीटें जीतीं अब तक 265 में से 236 सीटों के नतीजे आ चुके हैं पाक में बिजली को लेकर रात भर भारी बवाल चल रहा है, वहीं लगातार अहम बैठकें भी चल रही हैं

जरदारी-शरीफ ने की बैठक!

यह पता चला है कि पीपीपी प्रमुख बिलावल और पूर्व राष्ट्रपति जरदारी ‘चुनाव के बाद एक जरूरी बैठक’ के लिए लाहौर पहुंचे हैं वहीं, इमरान खान ने दावा किया है कि पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है पीपीपी सूत्रों का बोलना है कि नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी ने लाहौर में बैठक भी की है

नवाज और इमरान दोनों ने जीत का दावा किया

आपको बता दें कि इससे पहले पाक के दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों और कट्टर प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ और इमरान खान ने शुक्रवार को आतंकी हमलों के कारण परिणामों में देरी के बावजूद चुनाव में जीत की घोषणा की आतंकवादी हमले से राष्ट्र में सियासी भूचाल मच गया है गुरुवार के चुनाव में शरीफ की पार्टी ने किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें जीतीं, लेकिन कारावास में बंद खान के समर्थक, जो उनकी पार्टी को चुनाव से रोके जाने के बाद एक समूह के बजाय निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े, ने कुल मिलाकर सबसे अधिक सीटें जीतीं

शरीफ ने कहा- पीएमएल-एन सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन बहुमत नहीं मिला

शरीफ ने यह भी बोला कि उनकी पार्टी गठबंधन गवर्नमेंट बनाने के लिए अन्य समूहों से बात करेगी क्योंकि वह अपने दम पर साफ बहुमत हासिल करने में विफल रही शरीफ की यह घोषणा 265 सीटों में से तीन-चौथाई से अधिक सीटों के नतीजे घोषित होने के बाद आई है गुरुवार को मतदान ख़त्म होने के 24 घंटे से ज़्यादा समय बाद एक आतंकी हमले में 28 लोग मारे गए विश्लेषकों ने संभावना व्यक्त किया कि कोई साफ विजेता नहीं हो सकता है

 

सबसे अधिक सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं

नतीजों से पता चला कि स्वतंत्र उम्मीदवारों, जिनमें से अधिकतर खान द्वारा समर्थित थे, ने सबसे अधिक सीटें जीतीं शाम 6.30 बजे तक की गिनती के नतीजों के अनुसार उन्हें 245 में से 98 सीटें मिल गई हैं शरीफ की पाक मुसलमान लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 69 सीटें जीतीं, जबकि प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी की पाक पीपुल्स पार्टी ने 51 सीटें जीतीं शेष सीटें छोटी पार्टियों और अन्य स्वतंत्र उम्मीदवारों ने जीतीं

 

शरीफ ने पूर्वी शहर लाहौर में अपने घर के बाहर एकत्र समर्थकों की भीड़ से कहा, “चुनावों के बाद, पाक मुसलमान लीग आज राष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी है और इस राष्ट्र को भंवर से बाहर निकालना हमारा कर्तव्य है” उन्होंने कहा, “जिसे भी जनादेश मिला है, चाहे वह स्वतंत्र हो या पार्टियां, हम उन्हें दिए गए जनादेश का सम्मान करते हैं” “हम उन्हें हमारे साथ बैठने और इस घायल देश को अपने पैरों पर वापस खड़ा होने में सहायता करने के लिए आमंत्रित करते हैं

इमरान खान ने भी एक संदेश प्रकाशित किया

खान की पाक तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करके बनाया गया एक ऑडियो-विजुअल संदेश जारी किया और इसे अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर साझा किया संदेश में, 71 वर्षीय खान ने शरीफ की जीत के दावे को खारिज कर दिया, अपने समर्थकों को चुनाव “जीतने” के लिए शुभकामना दी और उनसे उत्सव मनाने और अपने वोटों की रक्षा करने का आग्रह किया

संदेश में बोला गया, ”मुझे विश्वास था कि आप सभी मतदान करने आएंगे – और आपने उस विश्वास का सम्मान किया है और आपके भारी मतदान ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है,” इसमें बोला गया है कि कोई भी शरीफ के दावे को स्वीकार नहीं कर सकता है क्योंकि उन्होंने कम सीटें और चुनाव जीते हेरफेर किया गया

336 सीटें, लेकिन मतदान सिर्फ़ 266 पर हुआ

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की कुल 336 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं हालाँकि, इनमें से सिर्फ़ 266 सीटों पर चुनाव के माध्यम से उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा दरअसल, 70 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं उनमें से 60 स्त्रियों के लिए आरक्षित हैं जबकि 10 गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं इन सीटों का आवंटन चुनाव जीतने वाली पार्टियों के अनुपात के आधार पर किया जाएगा

 किस प्रांत में किस पार्टी का दबदबा?

साल-2018 में हुए चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो इमरान की पार्टी पीटीआई ने 149 सीटों पर जीत हासिल की थी नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन ने 82 सीटें जीतीं, जबकि बिलावल की पार्टी पीपीपी ने 54 सीटें जीतीं जबकि 47 सीटें अन्य पार्टियों या निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं प्रांत के हिसाब से देखा जाए तो पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत पर इमरान खान की पार्टी पीटीआई का दबदबा है वहीं, सिंध प्रांत में बिलावल भुट्टो की पार्टी पाक पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का दबदबा है वहीं, बलूचिस्तान में अब तक नतीजे मिले-जुले रहे हैं

यहां समझें पाक का चुनावी गणित

पाकिस्तान के आम चुनाव में 12 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालने वाले थे हालांकि, कितने वोट पड़े, इसके आंकड़े अभी जारी नहीं हुए हैं 2018 के चुनाव में 51.7 प्रतिशत मतदान हुआ था चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार नेशनल असेंबली की दौड़ में कुल 5,121 उम्मीदवार मैदान में थे इनमें से 4,807 पुरुष, 312 स्त्री और 2 ट्रांसजेंडर उम्मीदवार थे आम चुनाव के साथ ही चार प्रांतों में भी चुनाव हुए, जिसमें कुल 12,695 उम्मीदवार खड़े हुए इसमें 12,123 पुरुष, 570 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर उम्मीदवार शामिल हैं

निर्दलीय क्यों लड़े इमरान के उम्मीदवार?

इस बार पाक में मुख्य मुकाबला नवाज शरीफ की पार्टी पाक मुसलमान लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो की पाक पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच बताया जा रहा है इमरान खान की पार्टी पाक तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवारों को चुनाव आयोग द्वारा उनका चुनाव चिन्ह बल्ला छीन लेने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के लिए विवश होना पड़ा इमरान खान भी कारावास में हैं उन्हें कई मामलों में गुनेहगार भी घोषित किया जा चुका है

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