सुप्रीम कोर्ट ने शहबाज शरीफ सरकार को दिया जोर का झटका

सुप्रीम कोर्ट ने शहबाज शरीफ सरकार को दिया जोर का झटका

उच्च न्यायपालिका से जुड़े ऑडियो लीक मुकदमा मुद्दे में पाक के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने शुक्रवार को बोला कि सिर्फ मुख्य न्यायाधीश के पास जांच आयोगों के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को नामित करने की शक्ति है. बता दें कि सीजेपी ने यह टिप्पणी शहबाज शरीफ गवर्नमेंट द्वारा गठित न्यायिक जांच को लेकर की है. उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय बड़ी पीठ उच्च न्यायपालिका से जुड़े ऑडियो लीक की जांच के लिए गवर्नमेंट द्वारा गठित जांच आयोग के विरूद्ध सुनवाई कर रही है.

पिछले हफ्ते, संघीय गवर्नमेंट ने आधा दर्जन से अधिक लीक हुए ऑडियो क्लिप की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया था, जिसमें कथित रूप से वरिष्ठ न्यायपालिका के कुछ वर्तमान और पूर्व सदस्य और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे, ताकि उनकी “सत्यता” और “स्वतंत्रता पर प्रभाव” का निर्धारण किया जा सके. तीन-सदस्यीय न्यायिक आयोग का नेतृत्व सर्वोच्च कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश काजी फैज ईसा कर रहे हैं और इसमें बलूचिस्तान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नईम अख्तर अफगान और इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक शामिल हैं.

एससीबीए ने गवर्नमेंट के निर्णय के विरूद्ध पंजीकृत की है याचिका

पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष आबिद जुबेरी ने गवर्नमेंट द्वारा आयोग के गठन के विरूद्ध शीर्ष न्यायालय में एक याचिका पंजीकृत की है, जिसमें तर्क दिया गया कि निकाय संविधान के अनुच्छेद 9, 14, 18, 19 और 25 का उल्लंघन कर रहा है. इसके बाद, पाक के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने उच्च न्यायपालिका के वर्तमान और पूर्व सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों को कथित रूप से शामिल ऑडियो लीक की जांच के लिए एक न्यायिक जांच आयोग के गठन के विरूद्ध पंजीकृत याचिकाओं को लेने के लिए पांच-न्यायाधीशों की बड़ी पीठ का गठन किया. प्रमुख के रूप में सीजेपी के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर, न्यायमूर्ति सैयद हसन अजहर रिजवी और न्यायमूर्ति शाहिद वहीद शामिल हैं.

अटार्नी जनरल ने जताई पीठ को लेकर आपत्ति

आज की सुनवाई के दौरान पाक के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) मंसूर अवान ने सीजे बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बड़ी बेंच के विरूद्ध विरोध जताई. सुनवाई की आरंभ में एजीपी ने पीठ के गठन पर और उसमें स्वयं सीजेपी को बेंच में शामिल करने पर विरोध जताई. उन्होंने कहा, “मैं न्यायालय के ध्यान में छठा संशोधन लाना चाहता हूं,” उन्होंने बोला जो उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति से संबंधित है. हालांकि, न्यायालय ने ऑडियो लीक की जांच कर रहे आयोग में न्यायाधीशों के नामांकन के साथ आगे बढ़ने के गवर्नमेंट के निर्णय पर निराशा व्यक्त की. सीजे बांदियाल ने टिप्पणी की, “सरकार अपनी पसंद के न्यायाधीशों को एक बेंच में बैठने के लिए नहीं चुन सकती है.”यह सीजेपी का अधिकार क्षेत्र है कि वह आयोग के लिए न्यायाधीशों को नामांकित करे.