राष्ट्रीय

वित्त मंत्री – कोरोना काल में पीएम मोदी ने की जनता की केयर

नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि इस वर्ष अप्रैल में GST कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि रिफंड के बाद, अप्रैल 2024 के लिए सही GST राजस्व 1.92 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 17.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है.

इस सबके बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘मोदी स्टोरी’ हैंडल से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें निर्मला सीतारमण बता रही हैं कि कैसे कोविड-19 के समय पीएम मोदी ने उन्हें किसी भी तरह के कर में बढ़ोत्तरी करने से साफ इंकार कर दिया था. कैसे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे साफ बोला था कि कोविड-19 की लड़ाई में आम जनता को किसी भी तरह का अतिरिक्त भार नहीं देना है.

बता दें कि कोविड-19 काल में राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को सुचारू और सुदृढ़ बनाए रखने के लिए केंद्र गवर्नमेंट की तरफ से कई पैकेज जारी किए गए थे. जिसकी वजह से कोविड-19 के उल्टा दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर रही और आज जब पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है, हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार आगे की ओर बढ़ रही है.

वह इस वीडियो में बता रही हैं कि वर्ष 2020 में जो बजट संसद में पेश किया गया, वह केवल एक बजट नहीं था. बजट के ठीक बाद कोविड प्रारम्भ हुआ और तब अर्थव्यवस्था को और राष्ट्र की हालत को पटरी पर बनाए रखने के लिए कई पैकेज दिए गए. यह एक तरह से मिनी बजट पेश करने जैसा था. यदि हम इसे एक साथ रखें, तो यह एक से अधिक एकल बजट के बराबर होगा.

उन्होंने आगे बोला कि वह तत्परता, वह गति, जिसके साथ आप आगे बढ़ेंगे और चीजों को सुलझाएंगे क्योंकि उस समय की यही मांग थी. आप राहत उपाय, आश्वासन भरे शब्द, योजनाएं लेकर आए थे, जो लोगों के लिए महत्वपूर्ण थी.

उन्होंने बोला कि दो-तीन बातें जो आज भी मेरे मन में बहुत साफ रूप से ताजा हैं. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब कहा, भले ही हमारे पास पैसे की कमी हो, कोविड के खर्चों को पूरा करने के लिए हम कभी भी टैक्स नहीं बढ़ाएंगे.

उन्होंने बोला कि हमारे पास इतने सारे संसाधन नहीं थे कि हम इतनी सारी चीजों पर खर्च कर सकें, जैसे की टीके, प्रयोगशालाएं जिनके लिए धन की जरूरत होती है और यदि जरूरी हो तो टीके आयात करने के लिए भी. हम कर बढ़ाने के बारे में सोच रहे थे. लेकिन, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी साफ थे कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे.

सीतारमण ने आगे बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफतौर पर कहा कि आप कोविड की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों से पैसे नहीं लेंगे. दूसरा उनका ध्यान लोगों को राहत देने पर था. पीएम गरीब अन्न योजना के साथ ही लोगों के बैंक खाते में सीधे धनराशि को भेजना लगातार जारी रखा गया. वह हर दूसरे दिन इसकी नज़र कर रहे थे और पूछ रहे थे कि क्या यह चला गया, कितने लोगों को प्राप्त हुआ और क्या कार्य पूरा हुआ एवं कितना काम शेष रह गया. इसलिए, यह केवल निर्देश या आदेश देना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि यह जमीनी स्तर पर पूरा हो और इसे कार्यान्वित किया जा रहा है या नहीं.

सीतारमण ने आगे बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने हम सभी मंत्रियों को रोजाना जिला कलेक्टरों के साथ बैठक कर बात करने को कहा. इससे पीपीई किट, मास्क, ऑक्सीजन जनरेटर की डिलीवरी सुनिश्चित हुई, यदि किसी हॉस्पिटल में यह नहीं है तो यह हम पर निर्भर करता था कि हम इसे कहीं से भी प्राप्त करें और फिर उन्हें दें. मतलब वह इस बात पर भी ध्यान दे रहे थे कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तब जो महत्वपूर्ण था, वह अस्पतालों को मिल रहा है या नहीं.

उन्होंने बोला कि यह वो चीजें हैं जो पीएम के स्तर पर करना वोट के लिए नहीं है. लेकिन, ऐसा इसलिए था क्योंकि वह इस राष्ट्र को जानते हैं और वह इस राष्ट्र के लिए ऐसा महसूस करते हैं. और, वह वास्तव में चीजों को ठीक उसी समय पर वितरित करना चाहते थे, जिस समय उसकी जरूरत थी, तब वह कोविड का काल था और आज उसकी वजह से राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है.

 

Related Articles

Back to top button