अंतर्राष्ट्रीय

मालदीव भारत से पंगा लेने के बाद इन दिनों पीने के पानी का झेल रहा है संकट

हिन्द महासागर में स्थित छोटा सा द्वीपीय राष्ट्र मालदीव हिंदुस्तान से पंगा लेने के बाद इन दिनों पीने के पानी का संकट झेल रहा है. उसने चीन से पेयजल मौजूद कराने की तीन-तीन बार गुहार लगाई है, तब चीन ने तिब्बत से 1500 टन पीने का पानी भेजा है. इस बीच, समाचार है कि मालदीव पड़ोसी राष्ट्र खासकर हिंदुस्तान की जासूसी करने के लिए सेना ड्रोन की खरीददारी कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में बोला गया है कि इस्लामिक राष्ट्र तुर्की से मालदीव ने सेना ड्रोन खरीदा है, ताकि क्षेत्रीय गुप्तचरी की योजना को अंजाम दिया जा सके.

मालदीव की यह हरकत ठीक चीन के ढर्रे पर है, जिसके साथ मालदीव की नयी मुइज्जू गवर्नमेंट इन दिनों नजदीकियां बढ़ाती दिख रही हैं. पिछले वर्ष नवंबर में जब से मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने हैं, तब से हिंदुस्तान संग संबंध बिगड़ते चले गए हैं. इस बीच मालदीव ने हथियार निर्माण और आपूर्ति करने के क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ा रहे तुर्किए से दोस्ती कर सेना जासूसी ड्रोन बायरकतार टीबी-2 की खेप मंगवाई है.

मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल ने पहली बार ऐसी खरीद की है. बताया जा रहा है कि मालदीव पहली बार सेना ड्रोन बायरकतार टीबी-2 की तैनाती करने जा रहा है, जो रिहायशी इलाकों की नज़र के साथ-साथ सुरक्षा क्षमताओं में सुधार करने के लिए उसका एक सोचा-समझा कदम है. मध्य पूर्वी बाज़ार में प्रवेश करने के बाद तुर्किए एशियाई राष्ट्रों में भी अपने हथियारों की बिक्री का विस्तार करना चाह रहा है. इसके लिए इसने हाल ही में मालदीव को बेकरटार टीबी-2 की आपूर्ति की है.

तुर्किए मालदीव के अतिरिक्त अन्य एशियाई राष्ट्रों खासकर मुसलमान राष्ट्रों को अपने हथियार और सेना ड्रोन की सप्लाई करने को इच्छुक है. इस कड़ी में तुर्किए ने इंडोनेशिया को भी बड़ी मात्रा में ऐसे हथियारों की सप्लाई की है. बायरकतार टीबी-2 ड्रोन शत्रु राष्ट्रों के सेना ठिकानों की छिपकर जासूसी करने में सक्षम हैं. इससे सेना अभियान के खर्च में कटौती भी आती है. रक्षा जानकारों का मानना है कि ऐसे जासूसी ड्रोन से हिन्द महासागर में हिंदुस्तान के सेना ठिकानों की जासूसी की जा सकती है.

बता दें कि बायरकतार टीबी-2 ड्रोन का इस्तेमाल सीरिया, लीबिया सहित कई सेना अभियानों में किया जा चुका है.  इस ड्रोन ने अपने जासूसी क्षमताओं के कारण आतंकी संगठनों के विरुद्ध लड़ाई में कारगर किरदार निभाई है. सीरिया में तुर्किए सेना के ऑपरेशन ओलिव ब्रांच में भी इसी ड्रोन ने अहम किरदार निभाई थी. इस दौरान तुर्किये की सेना ने इस ड्रोन का इस्तेमाल कर कुर्द लड़ाकों को अपनी सीमा से बाहर खदेड़ दिया था. बायरकतार टीबी-2 ड्रोन का इस्तेमाल लीबिया में ऑपरेशन स्प्रिंग शील्ड में भी किया जा चुका है, जहां लीबिया की राष्ट्रीय सेना को लड़ाई के दौरान हवाई सहायता मिली थी. इसके अतिरिक्त यूक्रेन युद्ध में रूस भी इस ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है.

इस बीच, मालदीव गवर्नमेंट ने बोला है कि वह मालदीप में तैनात 88 भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए हिंदुस्तान गवर्नमेंट के साथ हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगी. एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई. मालदीव में तैनात लगभग 25 भारतीय सैनिकों का पहला जत्था हिंदुस्तान लौट आया जो उपहार में दिए गए हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहा था. दोनों पक्षों के बीच दो फरवरी को नयी दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने बोला कि हिंदुस्तान 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले अपने सैनिकों को बुला लेगा.

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