भारत को अगले साल तक रूस देगा दो और S-400 मिसाइल सिस्टम
रूस नयी समयसीमा के अनुसार अगले वर्ष तक हिंदुस्तान को सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम एस-400 ट्रायम्फ (S-400 Triumf) की शेष दो रेजिमेंट की सप्लाई करेगा। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
रूस 5.5 अरब अमेरिकी $ के सौदे के अनुसार हिंदुस्तान को लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों की तीन यूनिट की सप्लाई पहले ही कर चुका है।
चीन से निपटने की तैयारी
सूत्रों ने बोला कि एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति अगले वर्ष तक पूरी हो जाएगी। हिंदुस्तान मुख्य रूप से चीन से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी वायु शक्ति क्षमता बढ़ाने के प्रयासों के अनुसार मिसाइल प्रणालियों की खरीद कर रहा है।
अमेरिका की चेतावनी के बावजूद किया था हिंदुस्तान ने समझौता
अक्टूबर 2018 में, हिंदुस्तान ने एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट्स को खरीदने के लिए रूस के साथ 5.5 बिलियन अमेरिकी $ के समझौते पर हस्ताक्षर किए। हिंदुस्तान ने अमेरिका की इस चेतावनी के बावजूद कि अनुबंध के साथ आगे बढ़ने पर अमेरिका के विरोधियों का मुकाबला करने के प्रावधानों के अनुसार अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं यह समझौता किया था।
रूस ने दिसंबर 2021 में मिसाइल सिस्टम की पहली रेजिमेंट की डिलीवरी प्रारम्भ की। इसे उत्तरी क्षेत्र में चीन के साथ सीमा के कुछ हिस्सों के साथ-साथ पाक से लगती सीमा को कवर करने के लिए तैनात किया गया है। डिलीवरी 2024 तक पूरी होनी थी। एक सूत्र के मुताबिक, ‘रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण एस-400 मिसाइलों की डिलीवरी में कुछ देरी हुई। आपूर्ति के लिए एक नयी समयसीमा तय कर दी गई है।’ बता दें हिंदुस्तान ने अभी तक यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की सीधे तौर पर निंदा नहीं की है।
मिलने वाले हैं दो रूसी युद्धपोत
सूत्रों ने बोला कि आशा है कि सितंबर में हिंदुस्तान को रूस निर्मित दो युद्धपोतों में से पहले युद्धपोत तुशिल की आपूर्ति होगी। उन्होंने बोला कि दूसरे युद्धपोत तमाल की आपूर्ति जनवरी में की जाएगी।
सूत्रों ने बोला कि मूल समयसीमा के तहत, इन पोतों की आपूर्ति 2022 तक होनी थी लेकिन यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण इसमें देरी हुई।
रूस 2018 में हुए चार फ्रिगेट सौदे के अनुसार ‘स्टील्थ फ्रिगेट’ की आपूर्ति कर रहा है। शेष दो पोतों का निर्माण हिंदुस्तान में हो रहा है।