स्वास्थ्य

लकवा-हार्ट अटैक के मरीजों को फ्री में मिल रहा ये इंजेक्शन

 आज के दौर में खानपान की वजह से लोगों में हार्ट की बड़ी परेशानी पैदा हो रही है नए-नए युवाओं को भी हार्ट की प्रॉब्लम से गुजरना पड़ रहा है वहीं, जांजगीर हॉस्पिटल में हर महीने 6 से 8 दिल के रोगी पहुंच रहे हैं लेकिन जांजगीर हॉस्पिटल में पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण ऐसे रोगियों को अन्य बड़े अस्पतालों के लिए रेफर कर दिया जाता था वहीं, रोगियों को दूसरे जिले घर से दूर उपचार करवाने को विवश होते थे

जिला हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉ अनिल जगत ने कहा कि जिला हॉस्पिटल में सभी प्रकार के उपचार रोगियों को ठीक और अच्छे ढंग से मिल सके, इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है अब जिला हॉस्पिटल में हार्ट अटैक, लकवा के रोगी के इलाज के लिए हॉस्पिटल प्रबंधन तैयारी कर रहा है प्रबंधन ने हार्ट अटैक वाले रोगियों के लिए थंबोलाइसिस इंजेक्शन के लिए सीजीएमएससी को डिमांड भेजी थी जिसकी सुविधा अब रोगियों को मिलने लगी है 

इंजेक्शन की 50 हजार कीमत

डॉ अनिल जगत ने कहा कि ये इंजेक्शन बाजार में 40 से 50 हजार रुपए तक मिलता है जो कि यहां राज्य गवर्नमेंट द्वारा जिला हॉस्पिटल में कैशलेस उपचार की सुविधा रहेगी यह इंजेक्शन अब जिला हॉस्पिटल में भी मौजूद है अब हार्ट अटैक और लकवा के रोगियों को जिला हॉस्पिटल में जान बचाने वाले इंजेक्शन की सुविधा फ्री में मिल रही है

इंजेक्शन कैसे करता है काम
डॉ जगत ने कहा कि थ्रंबोलाइसिस इंजेक्शन सिर्फ़ सीजीएमएसी द्वारा मेडिकल कॉलेज को सप्लाई किया जाता है ये इंजेक्शन रोगी के नसों में जाम हुए खून (ब्लड) को खोलने का काम करता है हार्ट अटैक के साथ ही कई बार लकवा हो जाता है लकवा और हार्ट अटैक एक दूसरे से कनेक्ट होता है हार्ट अटैक ब्लड के क्लॉटिंग से होता है यह इंजेक्शन ऐसे ही क्लॉटिंग को ठीक करने या फिर ब्लड को जमने से रोकता है अब हार्ट अटैक, लकवा के रोगियों को जिला हॉस्पिटल में यह जान बचाने वाला इंजेक्शन निःशुल्क मौजूद कराया जा रहा है

ये लक्षण देख तुरंत पहुंचे अस्पताल

  • व्यक्ति को अचानक हाथ-पैर में कमजोरी, पैरों में लड़खड़ाहट, बैलेंस बिगड़ना, आवाज में परिवर्तन या चेहरा टेढ़ा हो जाना, स्ट्रोक या लकवा की पहचान है
  • डॉक्टरों के मुताबिक, यह विकलांगता का भी एक अति सामान्य कारण है
  • 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में, स्ट्रोक होने की आसार अधिक होती है
  • हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल अथवा अनियमित दिल की धड़कन, यह रोंगों में स्ट्रोक की आसार अधिक होती है

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