जाने क्यों सिर और गर्दन कैंसर का बढ़ रहा है खतरा, जानें इसके लक्षण
इस रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि ये कैंसर मर्दों में अधिक देखा गया। स्त्रियों में यह चौथे जगह पर है। 60 से 70 साल की उम्र के लोग इस कैंसर से अधिक प्रभावित होते हैं। वहीं, 20 से 50 वर्ष की उम्र के 24 से 33 फीसदी लोग इस कैंसर से पीड़ित हैं। वहीं, संभावना है कि आने वाले समय में यह कैंसर युवाओं में भी तेजी से फैलेगा। इस कैंसर का मुख्य कारण खराब जीवनशैली, बढ़ती उम्र, तंबाकू, धूम्रपान, शराब की लत है।
सिर और गर्दन के कैंसर के लक्षण
इन कैंसर के लक्षण भिन्न-भिन्न होते हैं। जिसके कारण भिन्न-भिन्न शरीर में भिन्न-भिन्न तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसके कारण बोलने और निगलने में मुश्किल होना कैंसर का मुख्य लक्षण है। हिंदुस्तान में 60-70 प्रतिशत रोगी एडवांस स्टेज में आते हैं, जिसके परिणामस्वरूप शरीर पर इसका घातक असर देखने को मिलता है। तम्बाकू (स्मोक्ड या चबाने योग्य रूप), शराब, सुपारी (पान मसाला), और आहार संबंधी कुपोषण सामान्य एटियलॉजिकल कारक हैं जो गले और गर्दन के कैंसर का कारण बन सकते हैं।
भोजन में विटामिन ए, सी, ई, आयरन, सेलेनियम और जिंक की कमी से भी कैंसर होने की आसार बढ़ जाती है। भोजन में बहुत अधिक नमक, ग्रिल्ड बारबेक्यू मीट, बहुत अधिक जमा हुआ भोजन भी कैंसर का कारण बन सकता है। अत्यधिक धूप और वायरस के कारण एचपीवी, ईबीवी, हर्पीस और एचआईवी से भी कैंसर होने की आसार बढ़ जाती है। यह कैंसर का आनुवंशिक कारण भी हो सकता है। यदि किसी के परिवार में गले और सिर का कैंसर हुआ है तो इस रोग के होने का खतरा 3.5 या 3.8 फीसदी तक बढ़ जाता है।