स्वास्थ्य

आपके कान में खुजली या सुनाई देने में परेशानी हो रही, तो तुरंत डॉक्टर से लें सलाह, नहीं तो…

कान में संक्रमण होना आम बात है, लेकिन कई बार ठीक समय पर इलाज न मिलने से स्थिति खराब हो सकती है बड़े लोगों की अपेक्षा बच्चों में कान में संक्रमण खतरा अधिक होता है इस कारण कान के पर्दे फट सकते हैं या सुनाई न देने की स्थिति तक भी पहुंच सकता है अक्सर हम कान की रोंगों को हल्के में लेते हैं और देसी नुस्खे से इसे ठीक करने की प्रयास करते हैं यह इलाज कई बार तो कारगर साबित होते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में इससे गंभीर रोग भी पैदा हो सकती है

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कान की परेशानी को अक्सर हल्के में लिया जाता है स्थिति गंभीर होने पर ही रोगी चिकित्सक के पास पहुंचता है यदि आपके कान में खुजली या सुनाई देने में कठिनाई हो रही है, तो तुरंत चिकित्सक से राय लें क्योंकि यह कान में मवाद बनने का कारण हो सकता है कान में मवाद बनने और इसमें पानी जाने के कारण आपकी सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है

कान की नाजुक हड्डी पर पड़ेगा असर
श्रीनगर गढ़वाल के संयुक्त उप जिला हॉस्पिटल के ईएनटी सर्जन डाक्टर दिगपाल बिष्ट बताते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में नाक, कान की परेशानी को हल्के में लिया जाता है कान में मवाद बहने की परेशानी को रोगी झेलता रहता है जब स्थिति बद से बदतर हो जाती है, तब जाकर हॉस्पिटल पहुंचता हैं, लेकिन तब तक काफी हानि कान को पहुंच चुका होता है कान में मवाद के कारण कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं वह कहते हैं कि लगातार कान में पानी जाने और मवाद के कारण कान की नाजुक हड्डी पर इसका असर पड़ता है इससे हड्डी गलने और कान का पर्दा फटने की परेशानी हो सकती है

बन सकता है बहरेपन का कारण
डॉ दिगपाल बिष्ट ने कहा कि जिन रोगियों के कान में अकसर दर्द रहता है, तेज आवाज सुनाई देने या कानों के गूंजने जैसी परेशानी है तो इसे एकदम भी अनदेखा न करें ऐसा होने पर तुरन्त चिकित्सक की राय लें स्वयं से चिकित्सक न बने और ऐसे ही कोई दवा या ड्रॉप का इस्तेमाल न करें यह हानिकारक हो सकता है यदि आप कान की परेशानी को इग्नोर करते हैं तो यह बहरेपन का कारण भी बन सकता है

ड्रॉप और ऑयल से वायरस से खतरा
डॉ दिगपाल बिष्ट हिदायत कहते हैं कि यदि आपके कान में दर्द हो रहा है, तो बिना चिकित्सक के परामर्श के ड्रॉप का प्रयोग एकदम भी न करें अक्सर रोगी कान में दर्द की कम्पलेन होने पर हॉस्पिटल आने के बजाए मेडिकल स्टोर से ड्रॉप लेकर उसका इस्तेमाल प्रारम्भ कर देते हैं ड्रॉप डालने से कान के अंदर का पीएच गड़बड़ हो सकता है, जिससे कान के अंदर ऐसा अनुकूल तापमान बन जाता है, जिसमें कई तरह के वायरस की ग्रोथ प्रारम्भ हो जाती है कई बार ड्रॉप या ऑयल के प्रयोग से कान की नसों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है बिना चिकित्सक की राय के ड्रॉप का प्रयोग एकदम भी न करें

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