स्वास्थ्य

प्रेग्नेंसी में वॉक करने से बढ़ता है मिसकैरेज का खतरा

प्रेग्नेंसी के दौरान स्त्रियों को कई बातों का विशेष ध्यान रखने की राय दी जाती है. स्त्रियों को अच्छी डाइट फॉलो करने की राय दी जाती है, जिससे कि गर्भ में पलने वाले बच्चे का अच्छे से विकास हो सके. इसके अतिरिक्त रेगुलर एक्सरसाइज करने की राय दी जाती है. जिससे कि डिलीवरी के दौरान किसी भी आपातकालीन की स्थिति से बचा जा सके.

हांलाकि कुछ लोगों का मानना होता है कि प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में वॉक या एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए. क्योंकि इससे मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इस बात में कितनी सच्चाई है, आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में स्त्री को करीब 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. यह बिलकुल सेफ होता है. बता दें कि प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज करने से मिसकैरेज, प्री-मैच्योर डिलीवरी या एब्नॉर्मल प्रेग्नेंसी का खतरा नहीं बढ़ता है. इसके उलट प्रतिदिन एक्सरसाइज करने से लेबर पेन में कमी आती है. प्रतिदिन एक्सरसाइज करने से नॉर्मल डिलीवरी की आसार बढ़ने के साथ लाइफस्टाइल भी हेल्दी रहती है.

इससे गर्भ में पलने वाले बच्चे का विकास भी अच्छे से होता है. जहां तक गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में मॉर्निंग वॉक करने की बात है, तो यह बिलकुल सुरक्षित माना जाता है. प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में महिलाएं न केवल मॉर्निंग वॉक बल्कि रनिंग भी कर सकती हैं. हांलाकि इस दौरान कुछ विशेष तरह की एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए. क्योंकि इससे मिसकैरेज या डिलीवरी की कॉम्पलीकेशन बढ़ सकता है.

हैवी वेट लिफ्टिंग

हांलाकि यह एक अच्छी एक्सरसाइज है और इससे स्त्रियों के स्वास्थ्य में सुधार होता है. लेकिन प्रेग्नेंट स्त्रियों को हैवी वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज को नहीं करना चाहिए. क्योंकि जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी के दिन बढ़ते हैं, स्त्रियों का वेट भी बढ़ता है. ऐसे में इस एक्सरसाइज के दौरान आपके लिए बैलेंस करना कठिन हो सकता है औऱ गिरने के अधिक चांसेज होते हैं.

स्कूबा डाइविंग

गर्भवती स्त्रियों को भूलकर भी स्कूबा डाइविंग नहीं करनी चाहिए. क्योंकि स्कूबा डाइविंग गहरे पानी में किया जाता है और अधिक गहरे पानी में शरीर पर प्रेशर बढ़ता है. जो प्रेग्नेंट स्त्रियों के लिए ठीक नहीं होता है.

रॉक क्लाइंबिंग

प्रेग्नेंसी के दौरान रॉक क्लाइंबिंग करना सुरक्षित नहीं माना जाता है. क्योंकि इस तरह की एक्टिविटी में गिरने का रिस्क अधिक रहता है.

वॉक करने के फायदे

गर्भावस्था की किसी भी तिमाही में वॉक किया जा सकता है.

इस दौरान वॉक करने से प्रेग्नेंट स्त्री को हेल्दी वजन बढ़ाने में सहायता मिलती है.

रोजाना वॉक करने से पीठदर्द की परेशानी में आराम मिलता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

रोजाना टहलने से कब्ज की परेशानी में आराम मिलता है.

प्रेग्नेंसी में प्रतिदिन टहलने से आपके पूरे स्वास्थ्य पर इसका पॉजिटिव असर पड़ता है.

वॉक करने से न केवल ब्ल फ्लो अच्छा रहता है, बल्कि दिल स्वास्थ्य भी अच्छा होता है.

 

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