स्वास्थ्य

एम्स के विस्तार को मजबूती देने के मेडिकल शिक्षा को बढ़ाने पर जोर

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी (भाजपा) ने रविवार (14 अप्रैल) को चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है. पार्टी मुख्यालय में पीएम मोदी की मौजूदगी में ‘मोदी की गारंटी 2024’ नाम से जारी इस घोषणापत्र में राष्ट्र के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है. पर्यावरण अनुकूल शहरों के विकास से लेकर शिक्षा, उद्योग और किसानों के लिए अनेक योजनाओं को लागू करने का वादा किया गया है.

चुनावी घोषणापत्र में पार्टी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार पर भी बल दिया है. ‘स्वस्थ हिंदुस्तान की मोदी की गारंटी’ नाम से जारी खंड में एम्स के विस्तार से लेकर मेडिकल शिक्षा में सीटों को बढ़ावा देने, लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, वैक्सीनेशन का उत्पादन बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में प्रशिक्षण की प्रबंध को और मजबूती देने की घोषणा की गई है.

 

घोषणापत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने और हर वर्ग को सस्ती-गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद कराने के उद्देश्य से देशभर में एम्स के नेटवर्क को और मजबूती देने  का वादा किया गया है. पत्र में बोला गया है, हमने पिछले दशक में 15 एम्स स्थापित किए हैं जिसके माध्यम से हर वर्ग को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद हुई हैं. हम पूरे राष्ट्र को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मौजूद करवाने के लिए एम्स के नेटवर्क को और मजबूत करेंगे.

एम्स में और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद कराने के साथ-साथ जिला-स्तरीय मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से यूजी (UG) एवं पीजी (PG) मेडिकल शिक्षा में सीटें बढ़ाने का भी वादा किया गया है. पीएम-आयुष्मान हिंदुस्तान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के भीतर माध्यमिक और प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों का उन्नयन करने और इसका विस्तार करके सुदृढ़ स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का भी लक्ष्य रखा गया है.

घोषणा पत्र की मुख्य बातें

एम्स सेवाओं में सुधार के साथ चुनावी घोषणापत्र में बीजेपी ने स्वास्थ्य सुधार के लिए कई अन्य विषयों पर भी ध्यान केंद्रित किया है.

  • भाजपा ने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को और मजबूती देने का वादा किया है. जिला अस्पतालों और सेकेंडरी स्वास्थ्य संस्थानों में व्यापक स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने पर बल दिया जाएगा.
  • जन औषधि केंद्रों का विस्तार करके सभी नागरिकों को अच्छी दवाइयां कम दामों पर मौजूद कराने का लक्ष्य.
  • सभी ट्रॉमा मरीजों की तुरन्त और कारगर देखभाल के लिए आपातकालीन और ट्रॉमा केयर मिशन की आरंभ होगी.
  • समय पर परीक्षण और दवाएं प्रदान करके टीबी, लेप्रोसी, लिम्फेटिक फाइलेरियासिस, मीसल्स और रूबेला, ट्रेकोमा और काला अजार के उन्मूलन के सभी मौजूदा प्रयासों में तेजी लाई जाएगी.
  • अनुसंधान और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय वैक्सीन निर्माताओं और बायोफार्मा कंपनियों को प्रोत्साहन और समर्थन देंगे.
  • पैरामेडिक्स, तकनीशियनों, फार्मासिस्ट और नर्सों को प्रशिक्षित करने के सभी मौजूदा कार्यक्रमों को मजबूती देने का लक्ष्य है.

मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार 

भाजपा ने घोषणापत्र में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर भी प्रतिबद्धा जताई है. इसमें बोला गया है- वर्तमान में मानसिक स्वास्थ्य सर्वोच्च अहमियत के रूप में उभरा है. हम योग और ध्यान सहित अपने पारंपरिक तरीकों को सुदृढ़ करेंगे, साथ ही मानस और मनोदर्पण जैसी मेंटल हेल्थ सेवाओं का विस्तार भी करेंगे.

लंबे समय से मानसिक स्वास्थ्य को मेनिफेस्टो का हिस्सा बनाने को लेकर आवाज उठाने वाले भोपाल स्थित वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं, गवर्नमेंट का ये बेहतर कदम है. लंबे समय देशभर के मनोचिकित्सक कोशिश कर रहे हैं कि मानसिक स्वास्थ्य सियासी दलों की भी अहमियत बने. जनसंख्या की दृष्टि से हिंदुस्तान काफी बड़ा राष्ट्र है, कोविड के बाद मानसिक स्वास्थ्य विकारों के मुद्दे काफी बढ़े हैं, ऐसे में इस दिशा में और कोशिश करने के साथ हैपिनेस इंडेक्स में सुधार के लिए भी कोशिश किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है.

कांग्रेस ने भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जताई प्रतिबद्धता

इससे पहले कांग्रेस पार्टी पार्टी ने भी 5 अप्रैल को जारी चुनावी घोषणापत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर कई सारे वादे किए हैं.

कांग्रेस के घोषणापत्र में बोला गया- हम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हम वादा करते हैं कि अस्पतालों, क्लीनिकों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, मोबाइल हेल्थकेयर इकाइयों, औषधालयों और स्वास्थ्य शिविरों जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य देखभाल सार्वभौमिक और निःशुल्क होगी.

 

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