इस डिवाइस से सेकेंड में लग जाएगा डिप्रेशन के मरीजों का पता
डिप्रेशन एक ऐसा मानसिक विकार है जिसके चपेट में आना वाला आदमी स्वयं से नफरत करने तक की स्थिति में पहुंच जाता है। इसके कारण कई बार डिप्रेशन में आदमी खुदकुशी करने तक निर्णय कर लेता है।
हालांकि आज तक ऐसी कोई मशीन या डिवाइस नहीं थी जिससे डिप्रेशन का पता लगाया जा सके लेकिन हाल ही में पीजीआई लखनऊ में एक ऐसा डिवाइस बनाया गया है जो दिमाग में चल रही चिंता की गंभीरता और डिप्रेशन के लेवल का पता लगाने में सक्षम है।
पीजीआई ने तैयार की डिवाइस
पीजीआई स्थित मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने एआई ऐप ‘मनोदयम’ विकसित किया है। यरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित ऐप 20 सेकंड में आवाज सुनकर यह बता देता है कि आदमी अवसाद या चिंता की गिरफ्त में हैं या नहीं।
80 फीसदी परिणाम की पुष्टि
आईआईटी कानपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो। डाक्टर तुषार संघन के निर्देशन में आवाज के नमूनों का विश्लेषण हुआ। इसमें अवसाद के 80 प्रतिशत और चिंता की 76 प्रतिशत सत्यता मिली। मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सीओई के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी श्याम कुमार ने कहा कि सेंटर में इलाज और रोगों की पहचान के उपयोगी उपकरण और डिवाइस बनाए जा रहे हैं। इनमें अवसाद और चिंता का पता करने वाली ऐप शामिल है। यह आगे बहुत मददगार साबित हो सकते हैं.
150 से अधिक आवाजों की हुई जांच
15 से 23 साल के 70 विद्यार्थी, 23 से 45 साल की उम्र के मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले 150 से अधिक आवाज के नमूनों का विश्लेषण कर निष्कर्ष निकाला गया। युवा और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 80 बुजुर्गों के कई चरण में नमूने लिए गए थे।
सिर्फ 20 सेकेंड में डिप्रेशन का लग जाएगा पता
डिप्रेशन का पता लगाने वाला ऐप पीजीआई स्थित मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के स्टार्टअप मनोदयम के एमडी इंजीनियर संजय भारद्वाज ने बनाया है। इस ऐप पर 15 से 20 सेकंड की आवाज के नमूने से डिप्रेशन का लेवल पता किया जा सकता है।