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Main Ladega Review : फिल्म की दमदार कहानी और शानदार डायलॉग जीत लेगी दिल

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क –  फिल्म ‘मैं लड़ेगा’ के ट्रेलर रिलीज ने फिल्म को हर स्थान चर्चा का विषय बना दिया था फिल्म आखिरकार दर्शकों के लिए आपके नजदीकी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म की प्रेरणादायक कहानी ही फिल्म की जान है जो हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल हो रही है फिल्म ‘मैं लड़ेगा’ आदमी की आत्मा की गहराइयों में उतरती है और आदमी के भीतर प्रतिरोध और दृढ़ संकल्प की शक्ति को खुलासा करती है. फिल्म का निर्देशन गौरव राणा ने किया है फिल्म को आकाश प्रताप सिंह ने लिखा है और वह स्वयं ही फिल्म के हीरो हैं उनके बहुत बढ़िया एक्टिंग ने फिल्म को पूरी तरह से अपने कंधों पर उठा लिया है. फिल्म की कहानी दर्शकों के दिलों को छू रही है सिनेमाघर से बाहर आने के बाद भी आप फिल्म के बारे में सोचना बंद नहीं कर पाएंगे


फिल्म की कहानी आपके दिल को छू जाएगी

फिल्म आकाश प्रताप सिंह (आकाश प्रताप सिंह द्वारा अभिनीत) के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने परिवार की परेशानियों के कारण स्वयं को एक चौराहे पर पाता है. एक टूटे हुए परिवार से आने वाले, जहाँ उसके पिता उसकी माँ के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, आकाश के जीवन में एक सकारात्मक मोड़ आता है जब उसकी माँ और नाना उसे एक आर्मी हॉस्टल में भेजने का निर्णय करते हैं. आकाश अपनी माँ को छोड़ना नहीं चाहता लेकिन अपनी माँ के बार-बार कहने पर वह अपनी पढ़ाई और भविष्य पर ध्यान देने के उद्देश्य से हॉस्टल में आ जाता है. हालाँकि, आकाश की मुसीबतें हॉस्टल में ख़त्म नहीं होतीं. उसे सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उसके लिए इस नये जीवन में ढलना मुश्किल होता है. इस उथल-पुथल भरी जीवन में आकाश की मुलाकात एक लड़की से होती है जो उसका सहारा बनती है और उसे चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है.

अपनी मां के लिए उठाया बड़ा कदम
अपनी माँ को अपने पिता की अत्याचार से बचाने की इस नयी ख़्वाहिश से प्रेरित होकर, आकाश ने अपने जीवन में मुक्केबाजी की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया और मुक्केबाजी प्रतियोगिता जीतना अपना लक्ष्य बना लिया. अपनी शारीरिक सीमाओं के बावजूद, वह प्रशिक्षण और आत्म-खोज की यात्रा पर निकल पड़ता है. इसमें उसकी क्लास का एक लड़का गुरनाम उसका साथ देता है. वह पिछले दो वर्ष से इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं लेकिन गोल्ड मेडल नहीं जीत पाए हैं गुरनाम उसका कोच बन जाता है और उसे सभी चुनौतियों का सामना करने का साहस देता है. ऐसे में आकाश अपने लक्ष्य को कैसे हासिल करता है यही फिल्म के आगे की कहानी है जो फिल्म को सभी के लिए प्रेरणादायक बनाती है.


आकाश की अभिनय की काफी प्रशंसा हुई थी

आकाश प्रताप सिंह ने आकाश के भूमिका में जान डाल दी है. वह अपने भूमिका की भावनात्मक गहराई को सरलता से खुलासा कर देते हैं. उन्होंने हर इमोशन को बहुत खूबसूरती से पर्दे पर दिखाया है उनकी अभिनय ही फिल्म की जान है उन्होंने टूटे हुए परिवार की जटिलताओं से जूझ रहे एक युवा लड़के का भूमिका बड़ी संजीदगी से निभाया है फिल्म की पटकथा आकाश ने स्वयं लिखी है जो इमोशनल, ड्रामा और रियलिटी का बेहतरीन मिश्रण है उन्होंने अपने हर भूमिका को काफी गहराई से लिखा है जिससे हर कोई फिल्म से जुड़ पाता है उनके एक्टिंग की जितनी प्रशंसा की जाए कम है फिल्म में सपोर्टिंग कास्ट ने उनका खूबसूरती से साथ दिया है गंधर्व देवन, वल्लारी विराज और अश्वत भट्ट जैसे सहायक कलाकारों ने दमदार एक्टिंग किया है जो फिल्म की प्रामाणिकता को बढ़ाता है.

“मैं लड़ेगा” में गौरव राणा का निर्देशन वास्तव में सराहनीय है, क्योंकि उन्होंने बहुत ही कुशलता से अपनी पूरी कास्ट का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू अद्भुत है. विश्व स्तरीय मुक्केबाजी एक्शन से लेकर पात्रों के बीच भावनात्मक संबंधों तक, हर पहलू को बड़ी मेहनत से निष्पादित किया गया है और विस्तार से दर्शाया गया है. “मैं लड़ेगा” का संगीत फिल्म में चार चांद लगा देता है. हर भावना को संतुलित करते हुए विभिन्न मनोदशाओं को संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी सराहनीय है बॉक्सिंग दृश्य का विवरण और आकाश के जीवन की भावनात्मक जटिलताओं को स्क्रीन पर खूबसूरती से चित्रित किया गया है जो फिल्म में गहराई लाता है. कथाकार फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत और अक्षय भगवानजी और पिनाकिन भक्त द्वारा निर्मित, “मैं लड़ेगा” एक प्रेरणादायक और भावनात्मक फिल्म है.

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