सीबीएफसी के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने सीबीएफसी में भ्रष्टाचार आरोपों पर दी प्रतिक्रिया
पहलाज निहलानी ने बोला कि लेकिन सीबीएफसी खुलेआम घूस ले रही है… चेयरमैन न तो ऑफिस आते हैं और न ही रोजमर्रा का काम देखते हैं. इस बीच, सीबीएफसी के पूर्व सदस्य अशोक पंडित ने भी आग्रह किया कि CBI जांच की जाए.
तमिल अदाकार विशाल ने दावा किया कि उन्होंने अपनी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी संस्करण को सेंसर-प्रमाणित कराने के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को 6.5 लाख रुपये की घूस दी थी. अब सीबीएफसी के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने सीबीएफसी में करप्शन के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. निहलानी ने बोला कि विशाल ने सीबीएफसी को बेनकाब करने का बहुत अच्छा काम किया है. उन्होंने बोला कि यह सच है कि निर्माता ने स्वयं बोला है कि उन्होंने घूस दी है. यह पुरानी प्रथा है… उन्होंने सीबीएफसी को बहुत अच्छी तरह से बेनकाब किया है… जब यह (केंद्र) गवर्नमेंट बनी थी, तो हमने सुना था ‘ना खाऊंगा ना’ खाने दूंगा.
पहलाज निहलानी ने बोला कि लेकिन सीबीएफसी खुलेआम घूस ले रही है… चेयरमैन न तो ऑफिस आते हैं और न ही रोजमर्रा का काम देखते हैं. इस बीच, सीबीएफसी के पूर्व सदस्य अशोक पंडित ने भी आग्रह किया कि CBI जांच की जाए. फिल्म निर्माता ने बोला कि जिन लोगों ने पैसे लिए, वे बोर्ड या उसके कार्यालय का हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने बोला कि हम IFTDA (इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन) की ओर से प्रसून जोशी को पत्र लिख रहे हैं और इन आरोपों पर CBI जांच की मांग कर रहे हैं. जिन लोगों ने पैसे लिए हैं, वे सीबीएफसी के कर्मचारी नहीं हैं, इसलिए जिसे भी पैसे दिए गए, उसकी जांच होनी चाहिए.
केंद्र गवर्नमेंट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) में कथित करप्शन पर ध्यान दिया और तमिल अदाकार विशाल के आरोपों की जांच प्रारम्भ की. विशाल ने एक वीडियो साझा कर मुंबई मुख्यालय में सीबीएफसी ऑफिसरों पर घूस लेने का इल्जाम लगाया. उन्होंने दावा किया कि उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग और यू/ए सर्टिफिकेट के बदले में उनसे 6.5 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए बोला गया था. उनकी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ का हिंदी वर्जन 28 सितंबर को रिलीज हुआ था.