भारत के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अदाणी की मुश्किलें बढ़ी
Adani Group: अदाणी समूह के चेयरमैन और हिंदुस्तान के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अदाणी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बाजार रेगुलेटर सेबी अडानी ग्रुप और गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फंड के संबंधों की जांच करने वाली है। कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान का बाजार नियामक (SEBI) अडानी समूह और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में निगमित एक फंड के बीच संबंधों की जांच कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि शेयर स्वामित्व नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। सूत्रों ने बोला कि इस फंड को गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट बोला जाता है। पिछले महीने इसकी वेबसाइट की जांच के अनुसार, इसका स्वामित्व दुबई के व्यवसायी नासिर अली शाबान अहली के पास है। संगठित क्राइम और करप्शन रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) और खोजी पत्रकार समूह द्वारा रॉयटर्स को मौजूद कराए गए डेटा के अनुसार, फंड ने कई सूचीबद्ध अदाणी फर्मों में निवेश किया है। यह जांच सेबी की भारतीय समूह की जांच का हिस्सा है, जो शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी की रिपोर्ट के बाद है। इसमें बोला गया था कि ऑफशोर शेल कंपनियों ने अदाणी सूचीबद्ध फर्मों में गुप्त रूप से स्टॉक का स्वामित्व किया है, जिससे शासन संबंधी चिंताएं पैदा हो रही हैं।
क्या है OCCRP का आरोप
संगठित क्राइम और करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के द्वारा भारतीय कॉर्पोरेट घराने अदाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गयी है। इस रिपोर्ट में संस्थान ने इल्जाम लगाया है कि ग्रुप के कुछ सार्वजनिक तौर पर कारोबार करने वाले कंपनियों के शेयरों में अपारदर्शी मॉरीशस फंड के माध्यम से लाखों $ का निवेश किया गया, जिसने अदाणी फैमिली के कथित व्यापारिक भागीदारों की हिस्सेदारी को अस्पष्ट किया है। संस्थान के द्वारा ये दावा कई टैक्स हेवन्स और आंतरिक अदाणी ग्रुप के ईमेल से फाइलों की समीक्षा के आधार पर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इनके जांच में दो ऐसे मुद्दे सामने आए हैं। OCCRP ने गंभीर इल्जाम लगाते हुए बोला है कि अदाणी समूह के निवेशकों ने ऑफशोर स्ट्रक्चर्स के माध्यम से अदाणी स्टॉक्स खरीदा और बेचा है।
हिंडनबर्ग से अडानी समूह को 100 बिलियन $ का हुआ था नुकसान
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स के वैल्यूएशन में 100 बिलियन $ की कमी आ गई थी। हालांकि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने बोला कि उसके द्वारा 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी हो गयी है। जिन दो मामलों में अंतरिम रिपोर्ट सौंपा गया है उसमें अडानी समूह के 13 विदेशी एनटिटी यानि इकाईयों को लेकर जांच की जा रही है। हालांकि, सेबी के द्वारा अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। मगर, बाजार के जानकार बताते हैं कि वर्तमान में जो रिपोर्ट के अनुसार अडानी समूह की तरफ से उल्लंघन का मुद्दा टेक्निकल जैसा है जिसमें जांच पूरी होने के बाद मॉनिटरी पेनल्टी लगाया जा सकता है।
क्या है ऑर्गेनाइज्ड अपराध एंड भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट
ऑर्गेनाइज्ड अपराध एंड भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (Organized Crime and Corruption Reporting Project – OCCRP) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है जो कोरप्टियन, अपराध, और आर्गेनाइज्ड अपराध की जाँच और जानकारी को प्रकाशित करने का काम करता है। OCCRP का मुख्य उद्देश्य करप्शन और क्राइम के विरुद्ध लड़ाई में साझेदारी करना और सामाजिक बदलाव बढ़ावा देना है। ये संस्थान अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसे लोगों से जुड़ी हुई है। OCCRP अपने प्रकाशनों, खोज, और डॉक्यूमेंटरीज़ के माध्यम से समाज को सतर्क करने का काम करता है और विभिन्न देशों में कोरप्टियन और क्राइम के विरुद्ध लड़ाई में जरूरी सहयोग करता है।