प्याज की बढ़ती कीमतों का सामना करते हुए केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से प्याज को निकाला
मोदी गवर्नमेंट ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से अगले वर्ष मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, “प्याज की निर्यात नीति को 31 मार्च, 2024 तक प्रतिबंधित कर दिया गया है।” बता दें प्याज अभी खुदरा बाजार में 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए गवर्नमेंट ने अगस्त में 31 दिसंबर, 2023 तक घरेलू बाजार में कीमतों में वृद्धि और आपूर्ति में सुधार के लिए प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया था । हालांकि, केंद्र गवर्नमेंट ने 29 अक्टूबर से प्याज के निर्यात के लिए फ्री-ऑन-बोर्ड आधार पर 800 अमेरिकी $ प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) निर्धारित किया था। हालांकि, केंद्र गवर्नमेंट ने ‘बैंगलोर रोज अनियन’ के निर्यात को एक छोटी सी शर्त के साथ निर्यात शुल्क से छूट दे दी थी।
प्याज की बढ़ती कीमतों का सामना करते हुए केंद्र गवर्नमेंट अपने बफर स्टॉक से प्याज को निकाल रही है। केंद्र गवर्नमेंट ने पहले निर्णय किया था कि वह 2023-24 सीजन में बफर स्टॉक के रूप में 3 लाख टन प्याज रखेगी। 2022-23 में गवर्नमेंट ने 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के तौर पर रखा है।
बता दें यदि कम सप्लाई वाले मौसम के दौरान प्याज महंगा होता है तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने और मूल्य स्थिरीकरण के लिए बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है। अप्रैल-जून के दौरान रबी के प्याज का हिंदुस्तान के उत्पादन का 65 फीसदी हिस्सा है और अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई होने तक उपभोक्ता की मांग को पूरा करती है।