वंशी गेहूं बिकता है सबसे अधिक महंगा, जाने इसकी बाजार में कीमत औए खासियत
सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिले में एक ऐसे प्रजाति के गेहूं की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसकी उपज शताब्दी साल पूर्व से की जा रही थी। यह बाजार में मिलने वाले आम गेहूं से अलग दिखने के साथ ही महंगा भी बिकता है। इसकी बाजार में मूल्य 80 से लेकर 100 रुपए प्रति किलो तक है। इस गेहूं का नाम सोना मोती गेहूं है। वही, एक और गेहूं है जिसका नाम वंशी है। वंशी गेहूं सबसे अधिक महंगा बिकता है। इसकी मूल्य बाजार में 100 से लेकर 120 रुपए तक है।
माना जाता है कि इस प्रजाति के गेहूं की खेती हड़प्पा काल में प्रारम्भ हुई थी। इस गेहूं में बीमारी लगने का खतरा भी कम होता है। यह प्राकृतिक रूप से पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। इन किस्मों के उत्पादन में किसान को कम खर्च और कम मेहनत की आवश्यकता होती है।
पारंपरिक बीजों का किया जा रहा संरक्षण
लोकल 18 बिहार से बात करते हुए आत्मा परियोजना के उपनिदेशक रजनीकांत भारती ने कहा कि कृषि क्षेत्र में समय के साथ काफी प्रगति हुई है। इस कड़ी में अच्छे उत्पादन वाले बीज बाजार में मौजूद हैं। इसकी खेती से जहां किसान कम स्थान में अधिक उत्पादन ले रहे हैं, वहीं परिवर्तन के इस दौर में बिहार गवर्नमेंट पारंपरिक बीजों का संरक्षण भी कर पाएगी। इसी क्रम में कृषि विभाग द्वारा गेहूं की पारंपरिक किस्मों के संरक्षण को लेकर राज्य के सभी जिलों में सोना मोती, वंशी और टिपुआ प्रजाति के गेहूं की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने बोला कि पारंपरिक किस्में कम समय में पकती है। साथ ही उच्च उत्पादकता देती हैं। जिस तरह से राज्य में जलवायु बदलाव का असर देखने को मिल रहा है, इसमें ये किस्में काफी सहनशील हैं। इसकी खेती जिले के 17 प्रखंडों के एक-एक किसानों ने प्रारम्भ की है।
उत्साहवर्धक मिल रहा परिणाम
रजनीकांत भारती ने कहा कि फसल जांच कटनी में उत्साहवर्धक रिज़ल्ट मिल रहा है। जिले के बथनाहा प्रखंड भीतर सोनमा गांव में 29 से लेकर 34 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन हुआ है। वहीं डुमरा, रुन्नीसैदपुर, सोनबरसा, बाजपट्टी समेत कई प्रखंडों में इसकी खेती का अच्छा रिज़ल्ट मिला है।
इस गेहूं की बाली और दाने भी अन्य गेहूं से अलग होते हैं। इसके दाने मोती की तरह गोल-गोल और चमकदार होते हैं। उन्होंने कहा की इसका बीज जिले में मौजूद नहीं था। गया से बीज मंगवाकर किसानों को दिया गया था।