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लॉन्च हुआ दुनिया का पहला 6G डिवाइस, 5G से कई गुना तेज चलता है इंटरनेट

दुनिया का पहला 6G प्रोटोटाइप डिवाइस पेश हुआ है. इस हाई गति 6G प्रोटोटाइप डिवाइस में 100 Gbps की गति से डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है. यह मौजूदा 5G टेक्नोलॉजी के मुकाबले 20 गुना अधिक तेज है और 300 फीट के एरिया को कवर कर सकता है. जापान की टेलीकॉम कंपनी DOCOMO, NTT कॉर्पोरेशन,  NEC कार्पोरेशन और Fujitsu ने मिलकर दुनिया के पहले 6G प्रोटोटाइप डिवाइस को पेश किया है. इस डिवाइस ने 11 अप्रैल को पहली बार 6G नेटवर्क की गति को सफलतापूर्वक टेस्ट किया है.

100 Gbps की सुपरफास्ट स्पीड

रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोटोटाइप डिवाइस को इंडोर और आउटडोर दोनों स्थान टेस्ट किया गया. इंडोर में इस 6G डिवाइस ने 100 Gbps की सुपरफास्ट गति 100 GHz बैंड पर अचीव की है. वहीं, आउटडोर में यह गति 300 GHz बैंड पर प्राप्त हुई है. इस टेस्ट को रिसीवर से 328 फीट यानी 100 मीटर की दूरी पर टेस्ट किया गया है. हालांकि, 6G डिवाइस की गति काफी इंप्रेसिव रही है, क्योंकि इसे सिंगल डिवाइस में टेस्ट किया गया है. मल्टी डिवाइस में इसकी गति कम हो सकती है.

उदाहरण के तौर पर 5G की मैक्सिमम गति 10 Gbps तक है. हालांकि, रीयल वर्ल्ड में यह 200 से 400 Mbps तक ही एवरेज इंटरनेट गति प्रदान कर सकती है. हालांकि, 5G नेटवर्क के लिए कमर्शियली हाई फ्रिक्वेंसी बैंड का इस्तेमाल किया गया है. हाई फ्रिक्वेंसी का मतलब अधिक इंटरनेट गति होना है, लेकिन इसकी एक खामी भी है. हाई फ्रिक्वेंसी रेंज होने की वजह से नेटवर्क की रेंज कम हो जाती है, क्योंकि इसकी पेनिट्रेशन रेंज घट जाती है.

6G टेक्नोलॉजी की खामियां

6G के लिए हाई फ्रिक्वेंसी बैंड की आवश्यकता होगी, जिसका मतलब है कि फास्ट डाउनलोड अचीव करने के लिए डिवाइस को महत्वपूर्ण फ्रिक्वेंसी नहीं मिल पाएगी. यही नहीं, 6G की गति को कम करने के लिए कई तरह के अन्य फैक्टर भी होंगे, जिनमें दीवार, बारिश आदि शामिल हैं. कई राष्ट्रों में इस समय 4G से 5G नेटवर्क में ट्रांजिशन चल रहा है, क्योंकि नए जेनरेशन में पिछले जेनरेशन के मुकाबले तेज डेटा ट्रांसमिशन मिलता है. तेज डेटा ट्रांसमिशन की वजह से वीडियो स्ट्रीमिंग बेहतर हो जाती है.

6G टेक्नोलॉजी में इंटरनेट गति अधिक होने की वजह से रियल-टाइम होलोग्राफिक कम्युनिकेशन संभव हो सकेगा. इसके अतिरिक्त वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी एक्सपीरियंस भी बेहतर होगा. हालांकि, 6G टेक्नोलॉजी को अभी कमर्शियली आने में कई और वर्ष लग जाएंगे. यह प्रोटोटाइप डिवाइस दुनिया इस नयी जेनरेशन की टेक्नोलॉजी को समझने में और बेहतर करने में रिसर्चर्स की सहायता करेगा.

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