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पेटीएम पर सख्त कार्रवाई, 20 प्रतिशत तक टूट गया शेयर का भाव

RBI Action on IIFL: पेटीएम पर कठोर कार्रवाई के बाद अब आरबीआई (Reserve Bank of India) के द्वारा एक और फाइनेंस कंपनी पर कठोर कार्रवाई की गयी गयी है कहा जा रहा है कि सोने की शुद्धता की जांच और सत्यापन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद शीर्ष बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड को गोल्ड लोन देने से तुरन्त असर से रोक दिया आरबीआई का यह निर्देश कंपनी के केवल स्वर्ण कर्ज कारोबार से संबंधित है अग्रणी वित्तीय सेवा प्रदाता आईआईएफएल फाइनेंस कई तरह के कर्ज और गिरवी रखकर ऋण सुविधा उपलब्ध कराती है रिजर्व बैंक के इस आदेश का असर आज शेयर बाजार में देखने को मिला कंपनी के शेयर में करीब 20 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया सुबह बाजार खुलते ही, स्टॉक का रेट 19.99 फीसदी यानी 119.40 रुपये गिरकर 477.75 रुपये पर पहुंच गया इससे पहले सोमवार को कंपनी का स्टॉक 597 रुपये के आसपास बंद हुआ था

आरबीआई ने क्यों उठाया कठोर कदम

आरबीआई ने एक बयान में बोला कि नियामकीय पर्यवेक्षण के दौरान सोना गिरवी रखकर ऋण देने में कुछ चिंताएं सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है हालांकि आईआईएफएल फाइनेंस अपने मौजूदा स्वर्ण कर्ज कारोबार को जारी रख सकती है और वह मौजूदा कर्जों का संग्रह और वसूली प्रक्रिया जारी रखेगी बयान के मुताबिक, आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस लि को निर्देश दिया है कि वह तुरन्त असर से स्वर्ण कर्ज को स्वीकृति देने या वितरित करने या अपने किसी भी गोल्ड लोन के प्रतिभूतिकरण या बिक्री को बंद कर दे आरबीआई ने बोला कि 31 मार्च, 2023 तक आईआईएफएल की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण किया गया था केंद्रीय बैंक ने बोला कि कंपनी के स्वर्ण कर्ज कारोबार में कुछ जरूरी चिंताएं देखी गई थीं इनमें ऋण की स्वीकृति के समय और चूक पर नीलामी के समय सोने की शुद्धता और सही वजन को परखने और प्रमाणन में गंभीर खामी शामिल हैं इसके अतिरिक्त वैधानिक सीमा से कहीं अधिक नकदी में कर्ज राशि के वितरण एवं संग्रह में गड़बड़ी और मानक नीलामी प्रक्रिया के अनुपालन में भी खामी पाई गई

‘शिकायत के बाद भी नहीं हुआ सुधार’

केंद्रीय बैंक ने बोला कि वह पिछले कुछ महीनों में इन खामियों पर कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन और लेखा परीक्षकों के साथ बात कर रहा था लेकिन कोई ‘सार्थक सुधारात्मक कार्रवाई’ सामने नहीं आई है इस स्थिति में ग्राहकों के समग्र भलाई में तुरन्त असर से व्यापार प्रतिबंध लगाना महत्वपूर्ण हो गया है केंद्रीय बैंक ने बोला कि नियामकीय उल्लंघन होने के अतिरिक्त ये गतिविधियां ग्राहकों के हितों को भी प्रभावित करती हैं बयान के अनुसार, आरबीआई का एक विशेष ऑडिट पूरा होने पर और विशेष ऑडिट निष्कर्षों तथा आरबीआई निरीक्षण तथ्यों में कंपनी के संतुष्टिजनक निवारण के बाद इन प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी आईआईएफएल फाइनेंस वित्तीय सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक है वह अपनी अनुषंगी कंपनियों- आईआईएफएल होम फाइनेंस, आईआईएफएल समस्त फाइनेंस लिमिटेड और आईआईएफएल ओपन फिनटेक के साथ कई तरह की कर्ज सेवाएं उपलब्ध कराती है उसकी 500 से अधिक शहरों में 2,600 से अधिक शाखाएं हैं

 

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