कमजोर करेंसी और घटती आबादी ने जापान से छिना था तीसरी इकोनॉमी का ताज
जापान की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। कमजोर करेंसी और घटती जनसंख्या ने जापान की इकोनॉमी की चाल बिगाड़ दी। गिरते बाजार और खस्ताहाल की वजह से जापान से विश्व की तीसरी इकोनॉमी का ताज छिन गया, हालांकि अब उसके लिए थोड़ी राहत की समाचार आई है। निर्यात के मोर्चे पर जापान मजबूत हुआ है।
जापान का निर्यात
कार, मशीनरी की मजबूत मांग से फरवरी में जापान का निर्यात बढ़ा है। जापान के लिए बड़ी राहत की समाचार है। जहां अर्थव्यवस्था हिली हुई है, वहां इस समाचार से बाजार को मजबूती मिलेगी। जापान का निर्यात आठ फीसदी बढ़ा है। कारों और इलेक्ट्रिकल मशीनरी निर्यात में तेजी के बीच फरवरी माह में जापान के कुल निर्यात में 7.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सीमा शुल्क के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में कुल निर्यात 8.2 लाख करोड़ येन (55 अरब डॉलर) रहा। राष्ट्र के निर्यात में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में बोला गया है कि फरवरी में व्यापार घाटा सालाना आधार पर 50 फीसदी से अधिक घटकर 379 अरब येन (2.5 अरब डॉलर) रह गया है। यह लगातार दूसरा महीना है जबकि जापान व्यापार घाटे की स्थिति में है। आंकड़ों के अनुसार, चीन को निर्यात सिर्फ़ 2.5 फीसदी बढ़ा और पूरे एशिया में निर्यात पिछले साल की तुलना में 2.3 फीसदी अधिक हुआ।
इससे पता चलता है कि मांग कम हो गई है।अमेरिका को निर्यात 18 फीसदी बढ़ा और यूरोपीय संघ (ईयू) को निर्यात लगभग 16 फीसदी बढ़ा है। आयात की तस्वीर मिली-जुली रही। चीन से आयात 1.7 लाख करोड़ येन (236 अरब डॉलर) का रहा है, जो सालाना आधार पर लगभग 17 फीसदी की वृद्धि है। कोयले और तरलीकृत प्राकृतिक गैस जैसी प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण आयात में 0.5 फीसदी की वृद्धि हुई। यह कुल मिलाकर लगभग नौ लाख करोड़ येन (60 अरब डॉलर) रहा। जापान इस समय दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।