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इन 5 बैंकों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

बैंक ऑफ महाराष्ट्र, भारतीय ओवरसीज बैंक (आईओबी), यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया और पंजाब एंड सिंध बैंक ये वो पांच बैंक हैं, जिसमें गवर्नमेंट अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली है  बाजार नियामक सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (MPS) मानदंडों के अनुसार गवर्नमेंट ने ये निर्णय लिया है गवर्नमेंट के निर्णय के बाद इन बैंकों में सरकारी की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से कम हो जाएगी  अब तक 12 में से चार बैंक पहले ही ऐसा कर चुके हैं वहीं  चालू वित्त साल में तीन और बैंकों ने न्यूनतम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी कम की जा चुकी है अब बाकी पांच सरकारी बैंकों को सेबी के  एमपीएस मानदंडों को पूरा करना है, जिसके लिए योजना बनाई जा रही है

क्यों हिस्सेदारी कम कर रही है सरकार  

सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों का अनुपालन करने के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र, भारतीय ओवरसीज बैंक (आईओबी) और यूको बैंक सहित पांच सरकारी बैंक में गवर्नमेंट की हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाने की योजना बनाई जा रही है वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी  सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 12 बैंकों (पीएसबी) में से चार 31 मार्च, 2023 तक सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का अनुपालन कर चुके हैं जोशी ने के अनुसार चालू वित्त साल में तीन और पीएसबी ने न्यूनतम 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता का अनुपालन पूरा कर लिया है बाकी पांच सरकारी बैंकों ने एमपीएस मानदंडों को पूरा करने के लिए कार्ययोजना बनाई हैं

किस बैंक में गवर्नमेंट की कितनी हिस्सेदारी 

फिलहाल दिल्ली स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक में गवर्नमेंट की हिस्सेदारी 98.25 फीसदी है  चेन्नई के भारतीय ओवरसीज बैंक में गवर्नमेंट की हिस्सेदारी 96.38 प्रतिशत, यूको बैंक में 95.39 प्रतिशत, सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में 93.08 प्रतिशत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 86.46 फीसदी है भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार, सभी सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का अनुपालन महत्वपूर्ण है हालांकि, नियामक ने सरकारी बैंकों को विशेष छूट दी है उनके पास 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के नियम को पूरा करने के लिए अगस्त, 2024 तक का समय है जोशी ने बोला कि बैंकों के पास हिस्सेदारी कम करने के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) या पात्र संस्थागत नियोजन शामिल हैं उन्होंने बोला कि बाजार की स्थिति के आधार पर इनमें से प्रत्येक बैंक शेयरधारकों के सर्वोत्तम भलाई में फैसला लेगा

कब तक पूरा होगा काम  

बिना कोई समयसीमा बताए उन्होंने बोला कि इस अनिवार्यता को पूरा करने के कोशिश जारी हैं जोशी ने बोला कि वित्त मंत्रालय ने सभी पीएसबी को अपने स्वर्ण कर्ज पोर्टफोलियो की समीक्षा करने का निर्देश दिया है क्योंकि गवर्नमेंट के समक्ष नियामकीय मानदंडों का अनुपालन न करने के मुद्दे आए हैं वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को पत्र लिखकर उनसे स्वर्ण कर्ज से संबंधित अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं पर गौर करने को बोला है

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