EVM-VVPAT की 100 फीसदी मिलान वाली अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों के मुद्दे को लेकर गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में अहम सुनवाई होने वाली है जिसपर सबकी नजर बनी हुई है। 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर न्यायालय में फिर सुनवाई होगी। इससे पहले मुद्दे पर 16 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बोला गया था कि ईवीएम और VVPAT में लगने वाली चिप को प्रोग्राम किया जा सकता है। मशीनों में छेड़छाड़ की जा सकती है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
ईवीएम की निंदा से उच्चतम न्यायालय नाराज
पिछली सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम की निंदा और मतपत्रों को वापस लाने की मांग पर नाराजगी जाहिर की थी। न्यायालय की ओर से बोला गया था कि हिंदुस्तान में चुनावी प्रक्रिया एक बहुत बड़ा काम है। तंत्र को कमजोर करने की प्रयास नहीं की जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने इस बात का भी जिक्र किया कि कैसे चुनाव परिणामों में हेरफेर करने के लिए मतपत्र के दौर में मतदान केंद्रों को कब्जा लिया जाता था।
केस से जुड़ी खास बातें
- जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ADR सहित अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
- याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े ने पैरवी करते नजर आ रहे हैं।
- वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश हुए।
- वीवीपैट पर्चियों की 100% वेरिफिकेशन को लेकर एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने याचिका दाखिल की है। यह याचिका अगस्त 2023 में लगाई गई थी।
वीवीपैट होता क्या है जानें
‘वीवीपैट’ की बात करें तो यह स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने की एक प्रणाली है। इसके माध्यम से वोटर यह देखने में सक्षम हो पाता है कि उसने जो वाट दिया वो उसी उम्मीदवार को गया या नहीं…प्रणाली में एक मशीन लगी रहती है जिससे कागज की पर्ची निकलती है।