भारतीय टीम के पूर्व सफल कप्तान एमएस धोनी काफी समय से परेशान चल रहे हैं। पिछले वर्ष दिसंबर में मद्रास उच्च न्यायालय ने एमएस धोनी की याचिका पर सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई थी। जिस पर अब उच्चतम न्यायालय ने अपना निर्णय सुना दिया है। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्णय पर रोक लगा दी है। बता दें, आईपीएस अधिकारी संपत कुमार को न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 के अनुसार 15 दिन की साधारण कैद की सजा सुनाई गई थी। आईपीएस अधिकारी द्वारा दाखिल अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अभय एस। ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने हिंदुस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान एमएस धोनी से उत्तर मांगा और 15 दिन की सजा की तामील पर अंतरिम रोक लगा दी। साथ ही साथ मुद्दे की सुनवाई की डेट भी बढ़ा दी गई है। अगली सुनवाई सात मार्च को की जाएगी।
आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले को लेकर की गई थी मानहानि केस
एमएस धोनी ने आईपीएस अधिकारी के विरुद्ध इंडियन प्रीमियर लीग में सट्टेबाजी घोटाले में उनका नाम लेने के लिए ये मुकदमा किया था। एमएस धोनी ने मानहानि के मुकदमे में अपने लिखित बयान में न्यायपालिका के विरुद्ध की गई टिप्पणियों के लिए आईपीएस अधिकारी के विरुद्ध अवमानना कार्यवाही प्रारम्भ करने के लिए मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया था और 100 करोड़ रुपये की मांग की थी।
धोनी ने वर्ष 2022 में दाखिल की थी याचिका
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए आईपीएस अधिकारी संपत कुमार द्वारा दाखिल याचिका पर नोटिस भी जारी किया। धोनी ने वर्ष 2022 में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी होने पर अवमानना मुद्दे (कंटेप्ट ऑफ न्यायालय केस) का मुकदमा आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के विरुद्ध विरुद्ध दाखिल किया था। धोनी ने संपत कुमार के विरुद्ध कानून के अनुसार कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व आईपीएस अधिकारी को आदेश के विरुद्ध अपील दाखिल करने की अनुमति देने के लिए 15 दिन की सजा को तीस दिन के लिए निलंबित कर दिया था। फिर संपत कुमार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। दरअसल यह पूरा मुद्दा इंडियन प्रीमियर लीग मैच फिक्सिंग से जुड़ा हुआ है एमएस धोनी ने कथित तौर पर दुर्भावनापूर्ण बयानों पर उच्च न्यायालय में मानहानि का केस दाखिल किया, जिसमें दावा किया गया था कि वह 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग मैचों की सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में शामिल थे।