पिथौरागढ़ में नगरपालिका द्वारा बनाए जा रहे वाटर पार्क का काम हुआ पूरा
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ शहर में चंडाक की पहाड़ी के पास नगरपालिका द्वारा बनाए जा रहे वाटर पार्क का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब पिथौरागढ़ के लोग यहां स्विमिंग का मजा ले पाएंगे। मैग्नेसाइट फैक्ट्री के नीचे की तरफ करीब एक करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से यह स्विमिंग पूल बनाया गया है। जो जल्द ही यहां लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। नगरपालिका इस क्षेत्र को पर्यटन के क्षेत्र के रूप में विकसित करना चाहती है। जहां बच्चों के लिए पार्क और योग केंद्र भी इस स्थान पर बनाया जाएगा। यहां से पिथौरागढ़ शहर का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलता है। यही वजह भी है कि जल्द ही यह पिथौरागढ़ के एक नए पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित होगा।
पिथौरागढ़ नगरपालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि इस स्थान पर पहले एक छोटा सा तालाब हुआ करता था। जिसे देखते हुए यहां स्विमिंग पूल बनाने का कोशिश प्रारम्भ हुआ। जिसका मकसद वर्षा जल संचय कर इसे अन्य कार्यों में भी इस्तेमाल करने के साथ ही शहर में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाना भी है। सीएम की घोषणा में शामिल इस स्विमिंग पूल को पूरा करने के लिए उन्होंने सीएम का आभार भी जताया है।पिथौरागढ़ जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। खूबसूरत वादियों के अतिरिक्त यहां ऐसा कोई विकल्प नहीं है जिससे पर्यटकों को यहां रोका जा सके। ऐसे में नगरपालिका इसे पर्यटन के लिहाज से अहम मान रही है ।
विधायक मयूख महर ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं दूसरी तरफ इसका विरोध भी प्रारम्भ हो गया है।यहां के क्षेत्रीय विधायक मयूख महर ने इसे पिथौरागढ़ की जनता के लिए अनुचित करार दिया है। विधायक मयूख महर का बोलना है कि पिथौरागढ़ शहर में पीने के पानी के लिए यहां की जनता तरस रही है। जिसे नगरपालिका ने दरकिनार करते हुए स्विमिंग पूल का निर्माण किया गया | साथ ही यहां लोगों की प्यास बुझाने के लिए बनाई गई आंवलघाट पेयजल योजना को ध्वस्त कर दिया गया | हालांकि नगरपालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत भी इस इल्जाम को खारिज किया है।