पिथौरागढ़ आने वाले पर्यटकों को पर्यटन विभाग ने एडवेंचर स्पोर्ट्स से जोड़ने की कोशिश में…
पिथौरागढ़। उत्तराखंड में पर्यटन यहां की इकोनॉमी का एक अहम हिस्सा है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पर्यटन अब तेजी से बढ़ रहा है। पर्यटन की महत्वता को देखते हुए हर वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। क्योंकि पर्यटन केवल उत्तराखंड राज्य ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान राष्ट्र के साथ ही कई अन्य राष्ट्रों की इकोनॉमी का मजबूत हिस्सा है। उत्तराखंड की बात करें तो अब यहां के ग्रामीण क्षेत्रों तक पर्यटन गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। पर्यटक शहर की भीड़ से दूर अब शांति में अपना समय बिताना चाहते हैं। यही वजह भी है कि पिथौरागढ़ जिला पर्यटन के क्षेत्र में आज अपनी पहचान बना रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों को पर्यटन विभाग अब एडवेंचर स्पोर्ट्स से जोड़ने की प्रयास में लगा है। जिसके लिए अनेक तरह के कोशिश यहां हो रहे हैं।
ऐसा जिले में पहली बार होगा कि पर्यटन दिवस के मौके पर पूरे एक सप्ताह यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स से जुड़ी गतिविधियां चलेंगी जिससे यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स से क्षेत्रीय लोग तो रूबरू होंगे ही साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में जरूरी किरदार निभाने वाले एडवेंचर स्पोर्ट्स के माध्यम से क्षेत्र का विकास भी संभव होगा। पिथौरागढ़ के पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने पर्यटन दिवस पर होने वाले साहसिक खेलों के आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बोला कि इसका मकसद जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के साथ ही क्षेत्रीय लोगों को रोजगार से जोड़ना भी है।
खेलों से मिलेगी नयी पहचान
गंगोलीहाट में जीबल गांव में पैराग्लाइडिंग साईट विकसित की गई है। जहां से पहली बार पैराग्लाइडिंग होनी है। गंगोलीहाट में अनेकों प्राचीन गुफाएं भी हैं जिस कारण यह क्षेत्र केव सर्किट के रूप में विकसित होना है। गंगोलीहाट को विकास की दिशा देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र बिष्ट ने पर्यटन विभाग का आभार जताते हुए बोला कि गंगोलीहाट को साहसिक खेलों के माध्यम से नयी पहचान मिलेगी और यहां की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का एक मौका मिलेगा।