जिस परीक्षा को क्वालिफाई करने में अच्छे-अच्छों के छूटे पसीने,बुजुर्ग ने की ये परीक्षा पास
पढ़ाई करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है, यह सच कर दिखाया है पहाड़ के ग्रामीण अंचल में रहने वाले विजय सेमवाल ने. उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के विजय सेमवाल 59 वर्ष के हैं, जिन्होंने NET की परीक्षा उत्तीर्ण की है. देशभर में लाखों विद्यार्थी इस परीक्षा को देते हैं, जिनमें से सिर्फ़ 6 फीसदी विद्यार्थी ही इसे क्वालिफाई कर पाते हैं. उनके नाते-रिश्तेदार टेलीफोन पर बधाइयां दे रहे हैं. हर कोई दंग है कि जिस परीक्षा को क्वालिफाई करने में अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं, एक बुजुर्ग ने कैसे ये परीक्षा पास कर ली, जबकि बीते वर्ष से नेट परीक्षा का फॉर्मेट भी बदल चुका है. विजय सेमवाल टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित जाखनीधार ब्लॉक के नेगियाना कांडिखाल गांव के रहने वाले हैं.
विजय सेमवाल गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. GMVN में कार्यरत होने के दौरान भी वह कई बार NET परीक्षा दे चुके थे,लेकिन हमेशा असफलता हाथ लगी. फिर भी विजय सेमवाल ने हार नहीं मानी. वह कहते हैं कि जब वह वापस गांव लौटे, तो एक बार फिर पढ़ने का मन बना लिया. घर में अपना स्टडी टेबल लगाया और अधिकतर समय यहां बैठ पढ़ने में बिताया. वह कई बार फेल हुए लेकिन इससे उन्हें निराशा नहीं हुई. वह अगली परीक्षा के लिए अधिक मेहनत करने लगे. आखिरकार वो समय आ गया, जब उनका नेट एमबीए टूरिज्म सब्जेक्ट से क्लियर हुआ है.
विजय सेमवाल ने नहीं ली कोचिंग
विजय सेमवाल बताते हैं कि उन्होंने इसके लिए कोई कोचिंग नहीं ली. गांव में रहकर सेल्फ स्टडी की और नेट परीक्षा उत्तीर्ण की. पहाड़ का परिवेश पढ़ाई करने के लिए बहुत अच्छा है. यहां की शांत वादियां आपको मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं. वह सोशल मीडिया और औनलाइन माध्यम से नेट परीक्षा संबंधी जानकारियां जुटाते थे, फिर उसके आधार पर परीक्षा देते थे. गीता के श्लोक ‘कर्म करो फल की चिंता मत करो’ से उन्हें प्रेरणा मिलती है.
अब बदल चुकी है परिस्थिति
विजय सेमवाल युवाओं को मोटिवेट करते हुए कहते हैं कि यदि वह 59 वर्ष की उम्र में नेट क्वालिफाई कर सकते हैं, तो 20-30 वर्ष के युवा क्यों नहीं. उनके समय में पढ़ाई के पर्याप्त संसाधन नहीं थे, लेकिन अब हालात बदल चुकी है. यदि कोई तन्मयता से पढ़ाई करें, तो जरूर सफल हो सकता है. युवाओं को समय रहते पढ़ाई की ओर ध्यान देना चाहिए. वह कहते हैं कि यदि उन्हें मौका मिलेगा, तो वह आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहेंगे और अध्ययन के क्षेत्र में आगे कार्य करेंगे.