अयोध्या के इस नमदेश्वर भगवान को राम मंदिर के परकोटे के शिव मंदिर में स्थापित
अयोध्या के रामसेवकपुरम में रखे गए इस नमदेश्वर ईश्वर को राम मंदिर के परकोटे के शिव मंदिर में स्थापित किया जाना है।
राम मंदिर में प्रतिष्ठित होने के लिए मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर से यहां आए नर्मदेश्वर भक्तों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। 4 फिट ऊंचे और 600 किलो वजन के इस शिवलिंग को 5 दिनों की यात्रा के बाद गत माह यहां लाया गया। इन्हें पूजन-अर्चन के बाद रामसेवकपुरम में सुरक्षा के बीच रखा गया है। इनका दर्शन करने पहुंच रहे राम भक्तों के जय श्रीराम के साथ हर-हर महादेव के जयकारों से रामसेवकपुरम गूंज रहा है।
नर्मदेश्वर महादेव का दर्शन कर रहे राम भक्त
शेष पत्थरो को भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है
भगवान श्रीरामलला की 3 अचल प्रतिमाओं का निर्माण भी कर्नाटक पर और राजस्थान के पत्थरों से रामसेवकपुरम और उसके सामने किया जा रहा है। प्रतिमाओं के निर्माण से बचे शेष पत्थरो को भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है। भक्त इनका दर्शन कर आनंदित हो रहे हैं। और वे आसपास उपस्थित कार्यकर्ताओं से मंदिर निर्माण,रामलला की बन रही प्रतिमाओं सहित नर्मदेश्वर ईश्वर की जानकारी ले रहे हैं।
भक्त रामलला की प्रतिमा निर्माण के लिए लाए गए पत्थरों के शेष भाग का भी दर्शन कर रहे हैं
नर्मदेश्वर ईश्वर का दर्शन कर मन आनंद से भर उठा-जगदीश भाई
गुजरात से अयोध्या दर्शन करने आए जगदीश भाई कहते हैं कि ईश्वर श्रीराम और शंकर ईश्वर दोनों का एक दूसरे से परस्पर बहुत प्रेम है। हमने रामलला का दर्शन किया और अब नर्मदेश्वर ईश्वर का दर्शन कर मन आनंद से भर उठा है। हम करीब दो वर्ष बाद अयोध्या आए हैं। अयोध्या रोज बदल रही है,रोज निर्माण हो रहा हैं। मंदिर निर्माण ेतजी से हो रहा है। यह सब बहुत ही खुशी की बात है।
विहिप मीडिया प्रभारी से नर्मदेश्वर ईश्वर की जानकारी लेती दक्षिण हिंदुस्तान की स्त्री भक्त
जब भक्तों को यह पता चल रहा है कि यह नर्मदेश्वर ईश्वर रामलला के आराध्य के रूप में उनके गर्भगृह के सामने परकोटे में विराजमान होंगे तो उनकी खुशी कई गुना बढ़ जाती है।वे बड़े ही श्रद्धा रेट से नर्मदेश्वर ईश्वर का दर्शन-पूजन कर उन्हें अपने दिल में उतारने के बाद आगे बढ़ जाते हैं।
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा
इनका दर्शन कर हम सभी राम भक्त बहुत ही आनंदित हो रहे-शरद शर्मा
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि ओंकारेश्वर के संतों की ख़्वाहिश थी और वे नर्मदेश्वर ईश्वर को लेकर आए हैं। इन्हें रामसेवकपुरम में रखा गया है। इसके बाद राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मंशा से राम मंदिर निर्माण के बाद मंदिर के परकोटे में स्थापित किया जाएगा। इनका दर्शन कर हम सभी राम भक्त बहुत ही आनंदित हो रहे हैं। इसके साथ ही हजारों श्रद्धालु रोज इनका दर्शन कर अपनी हर-हर महादेव के जयकारे लगा अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं।
अयोध्या पहुंचने पर नर्मदेश्वर ईश्वर का पूजन करते राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय
मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर से एक हजार किलोमीटर की यात्रा कर 600 किलो की नर्मदेश्वर शिवलिंग अयोध्या पहुंच चुकी है। यहां पहुंचने पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने महादेव की आरती उतारी। इसके बाद चंपत राय ने कहा कि यह नर्मदेश्वर शिवलिंग राम मंदिर के शिव परिसर में स्थापित किया जाएगा।
अयोध्या के महंतों में उत्साह
राम मंदिर परिसर में रामलला के चारों ओर परकोटे में 6 मंदिरों की स्थापना होनी है। इसमें शिव मंदिर में इस नर्मदेश्वर महादेव की स्थापना होगी। नर्मदेश्वर महादेव के अयोध्या पहुंचने से यहां के महंतों में उत्साह है। वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों में राम मंदिर ट्रस्ट का एक बड़ा कदम मान रहे हैं।
श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने बोला कि राम मंदिर से जुड़े हर फैसला में ट्रस्ट गुणवत्ता के साथ परंपरा, संतों की भावना और परंपराओं का बहुत ही बेहतर ध्यान रख रहा है।
नर्मदा नदी के किनारे मिला था शिवलिंग
शिवलिंग 4 फीट ऊंचा है। यह नर्मदा नदी के किनारे मिला था। इसलिए इसे नर्मदेश्वर महादेव के रूप में जाना जाता है। अभी तक यह ओंकारेश्वर के पास बिल्लोरा खुर्द में नजर निहाल आश्रम में रखा गया था। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य चिकित्सक अनिल मिश्र ने बताया, ”18 अगस्त यानी शुक्रवार को शिवलिंग के पूजन के बाद इसे प्रतिष्ठा यात्रा के रूप में रवाना कर दिया गया। यह यात्रा 5 दिन में एक हजार से भी अधिक किमी का यात्रा तय कर अयोध्या पहुंचा है।
शुक्रवार सुबह 8 बजे श्रीश्री 1008 अवधूत नर्मदानंद ने शिवलिंग का वैदिक मंत्रोच्चार के बाद दूध, दही और जल से अभिषेक कर अयोध्या के लिए रवाना किया था। शिवलिंग के पूजन में मध्यप्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर भी शामिल हुई थीं। इसके बाद प्रतिष्ठा यात्रा के रूप से इसे रवाना कर दिया गया।
नर्मदानंद बापजी बोले- परकोटे में बन रहे एक मंदिर में होगा स्थापित
यात्रा उज्जैन, ब्यावरा, शिवपुरी, कानपुर होते हुए अयोध्या पहुंची है। अवधूत नर्मदानंद बापजी के अनुसार, राम मंदिर के विग्रह के चारों ओर बन रहे करीब 14 फीट चौड़े परकोटे के 6 मंदिरों में से एक मंदिर में ओंकारेश्वर का शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। यह हमारे क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है। श्रीराम के इस पावन जन्मस्थली में स्थापित होने वाले शिवलिंग को ओंकारेश्वर तीर्थ क्षेत्र से चुना गया है।
“नर्मदा का हर कंकड़ शंकर माना जाता है”
अवधूत नर्मदानंद बापजी के अनुसार- वे पहले जम्मू से अयोध्या तक देश गौरव पदयात्रा और राष्ट्रधर्म विजय यात्रा में शामिल हो चुके हैं। इसी दौरान उनकी मुलाकात श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से हुई। उनके आग्रह पर नर्मदेश्वर शिवलिंग की खोज प्रारम्भ की गई। मान्यता के मुताबिक, नर्मदा का हर कंकड़ शंकर माना जाता है। इसलिए नर्मदा में शिवलिंग की तलाश प्रारम्भ की गई। लंबी तलाश के बाद ओंकारेश्वर तीर्थ क्षेत्र में इच्छित शिवलिंग मिलने पर उसे आखिरी स्वरूप दिया गया।