उत्तर प्रदेश

अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में विपक्ष के नेताओं को भी किया जाएगा आमंत्रित

अयोध्या:  22 जनवरी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में किए जाने वाले राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में विपक्ष के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा इस संबंध में जल्‍द ही कांग्रेस पार्टी और सपा सहित विपक्षी नेताओं को विशेष रूप से पूजे गए चावल (‘अक्षत’) दिए जाएंगे

सूत्रों के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद अगले वर्ष एक जनवरी से एक राष्ट्रव्यापी अभियान के अनुसार सियासी संगठनों से संपर्क करना प्रारम्भ कर देगी, जो “पार्टी लाइन से ऊपर उठकर” होगा

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ”राजनीतिक विचारधारा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा हर इच्छुक आदमी को, चाहे उनकी सियासी संबद्धता कुछ भी हो, पवित्र ‘अक्षत’ के साथ आमंत्रित किया जाएगा

विहिप सूत्रों ने बोला कि संगठन को साधु-संतों ने यह सुनिश्चित करने की राय दी है कि राम मंदिर का उद्घाटन एक “गैर-राजनीतिक” कार्यक्रम रहे

विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”यह राम भक्तों का मंदिर है, एक देश मंदिर है

विपक्षी नेताओं, मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा यह प्रश्न उठाए जाने के बाद कि क्या राम मंदिर का उद्घाटन एक “भाजपा कार्यक्रम” बन जाएगा, कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम काफी जरूरी हो गया है

यह तब हुआ जब संतों और राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र के कई ऑफिसरों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मंदिर के उद्घाटन के लिए निमंत्रण दिया

5 नवंबर को अयोध्या से रवाना किए गए ‘अक्षत कलश’ विश्व हिंदू परिषद की 45 प्रांतों, संगठनात्मक राज्य इकाइयों तक पहुंच चुके हैं यहां से उन्हें पुनर्वितरित किया जाएगा

सूत्रों ने बोला कि यह कवायद दिसंबर के अंत तक पूरी हो जाएगी, इसके बाद विश्व हिंदू परिषद और उससे जुड़े समूह घरों तक पहुंचना प्रारम्भ कर देंगे

विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने बोला कि कलश “हर गांव, हर घर” तक पहुंचेगा

उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर, अभियान कम से कम 5 लाख गांवों और 60 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करेगा

विहिप ने 2021 के ‘राम जन्मभूमि निधि सरेंडर अभियान’ के समान अभियान चलाने की योजना बनाई है, जब उसने राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों करोड़ की रकम एकत्र की थी

सूत्रों ने बोला कि “संघर्ष” के दिनों में अपना सहयोग देने वाले कार सेवकों के परिवारों और अदालतों में लड़ाई लड़ने वाले वकीलों तक पहुंचने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा

–आईएएनएस

सीबीटी

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