उत्तर प्रदेश

सिखों के पहले गुरु नानक देव भी आए थे अयोध्या, गए थे नजरबाग व ब्रह्मकुंड

सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव भी अयोध्या आए थे गुरुद्वारा नजरबाग के जत्थेदार बाबा महेंद्र सिंह के मुताबिक सन् 1501 में गुरु नानक देव जी अयोध्या में जिस जगह पर आए थे वहां एक बाग था बाद में इसे नजरबाग बोला जाने लगा यहीं पर गुरुद्वारा नजरबाग है साथ ही राम जन्मभूमि से दो सौ मीटर की दूरी पर आज जहां ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा स्थित है, वहां भी गुरु नानक देव जी गए थे तब वहां गुरुद्वारा नहीं था यहां बेल का एक पेड़ लगा है वह पेड़ गुरु नानक देवजी के समय में भी वहीं था गुरु नानक देव हरिद्वार से जगन्नाथपुरी जाते समय यहां रुके थे

गुरु तेग बहादुर जी भी अयोध्या आए थे और ब्रह्मकुंड पर तपस्या भी की थी गुरुद्वारा नजरबाग के सेवादार नवनीत सिंह बताते हैं कि गुरु गोविंद सिंह जी साढ़े छह वर्ष की उम्र में गुरु पुत्र के रूप में अयोध्या आए थे उन्होंने हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि के दर्शन किए थे सरयू तट, गुप्तार घाट और वशिष्ठ कुंड भी गए थे सिखों के इतिहास की पुस्तक तवारीख गुरु खालसा में गुरु की इस यात्रा का जिक्र मिलता है

गौरतलब हो कि अयोध्या जमीन टकराव में निर्णय सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने भी गुरु नानक देव की अयोध्या यात्रा का जिक्र किया था न्यायधीश ने बोला था कि गुरु नानक देव राम जन्मभूमि दर्शन करने के लिए सन 1510-11 में अयोध्या आए उनकी यात्रा से हिंदुओं की इस आस्था और विश्वास को बल मिलता है कि विवादित भूमि ही ईश्वर श्रीराम का जन्मस्थान है जन्म साखी में यह उल्लेख है कि गुरु नानक देव जी अयोध्या गए थे और राम जन्मभूमि का दर्शन किया था

जज ने ये भी बोला था कि इसको लेकर ठोस तथ्य तो नहीं है कि ईश्वर राम का जन्म किस जगह पर हुआ था लेकिन गुरु नानक देव का राम जन्मभूमि का दर्शन करने आयोध्या जाने की घटना से साफ है कि सन 1528 से पहले वहां राम जन्मभूमि का अस्तित्व था और श्रद्धालु वहां दर्शन करने जाते थे

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