अतीक अहमद के गुर्गे मोहम्मद असद उर्फ असाद कालिया की जमानत अर्जी हुयी खारिज
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माफिया अतीक अहमद के गुर्गे और 50 हजार के इनामी क्रिमिनल मोहम्मद असद उर्फ असाद कालिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने दिया है। असद कालिया के विरुद्ध एक आदमी पर जानलेवा धावा करने का केस पूरामुफ्ती पुलिस स्टेशन में दर्ज है। इसके अतिरिक्त वह चर्चित उमेश पाल हत्याकांड की षड्यंत्र में भी शामिल कहा जाता है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान असाद कालिया की ओर से जमानत के समर्थन में बोला गया कि याची को इस मुकदमे में रंजिशन झूठा फंसाया गया है। यह भी बोला गया कि व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण शिकायतकर्ता अचल कुमार भारती ने एक भू-माफिया के साथ मिलकर याची को झूठे मुकदमे में फंसाया है। शिकायतकर्ता अचल कुमार भारती ने यह इल्जाम लगाते हुए केस दर्ज कराया है कि वह 26 जुलाई 2022 को मंदरी स्थित अपनी जमीन देखने गया था, तभी असाद कालिया अपने साथियों के साथ आया और जान से मारने की नीयत से उस पर पिस्टल से गोली चलाई।
असाद की ओर से बोला गया था कि शिकायतकर्ता को कोई चोट नहीं आई है। घटना की प्राथमिकी करीब एक हफ्ते विलंब से 31 जुलाई 2022 को दर्ज कराई गई। सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए बोला कि असाद कालिया 50 हज़ार का इनामी क्रिमिनल है। उसके विरुद्ध 15 आपराधिक मुकदमों का रिकॉर्ड है, साथ ही चर्चित उमेश पाल हत्याकांड की विवेचना के दौरान यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि हत्याकांड की षड्यंत्र रचने में वह भी शामिल था।
सुनवाई के बाद न्यायालय ने जमानत अर्जी नामंजूर करते हुए बोला कि यदि छह माह के भीतर मुकदमे के ट्रायल में कोई प्रगति नहीं होती तो याची दोबारा जमानत अर्जी दाखिल कर सकता है। इस मुद्दे में माफिया अतीक अहमद का दूसरा बेटा अली अहमद भी आरोपी है।