हिंदू-मुस्लिम एकता की अद्भुत मिसाल,152 साल पुरानी रामलीला मुस्लिम भाइयों के सहयोग से
आजमगढ़ की रामलीला में शहाबुद्दीन शृंगार करेंगे और नियाज ईश्वर श्रीराम के लंका जीत की कमान संभालेंगे। चूड़ी बेचने वाले नवी सरवर ऋंगि ऋषि होंगे तो इम्तियाज सीता स्वयंवर में धनुष तोड़ने के लिए जयपुर नरेश बनकर आएंगे। पढ़ने में ये थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन आजमगढ़ के सगड़ी तहसील के इसरापार रामगढ़ में मंच पर रामलीला इन पात्रों के सजीव एक्टिंग से ही जीवंत होगी।
यह गांव हिंदू-मुस्लिम एकता की अद्भुत मिसाल है। यहां 152 वर्ष पुरानी रामलीला मुसलमान भाइयों के योगदान से चल रही है। अगल-बगल के गांवों और बाजारों में धनाभाव और लोगों के रुचि न लेने के कारण रामलीलाओं के मंचन बंद हो गए। बदलते दौर में इसरापार रामगढ़ की रामलीला पर भी कई बार संकट आया। तब मुस्लिमों ने आकर कमान संभाली और सालों पुरानी परंपरा को जिंदा रखा। इस बार रामलीला का मंचन 18 से 29 अक्तूबर तक होगा। तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
पात्रों का चयन कर लिया गया है। इसमें मुसलमान अहम किरदार में नजर आएंगे। मंच पर एक्टिंग से लेकर मंच की प्रबंध तक की कमान उनके जिम्मे होगी। गांव के शहाबुद्दीन के जिम्मे रामलीला में एक्टिंग करने वाले सभी कलाकारों के श्रृंगार का जिम्मा होगा तो नियाज हनुमान की किरदार में नजर आएंगे। बिसातखाने में चूड़ी बेचने वाले नवी सरवर ऋंगि ऋषि के रूप में पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ से यज्ञ कराते नजर आएंगे।
वहीं, इम्तियाज सीता स्वयंवर में ईश्वर शिव का धनुष तोड़ने के लिए जयपुर नरेश के रूप में नजर आएंगे। खास बात यह है कि रामलीला में आने वाले खर्च के लिए मुसलमान चंदा जुटाने के साथ स्वयं से भी आर्थिक योगदान करते हैं। मंचन देखने के लिए यहां आसपास के गांवों से आज भी हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं।
राक्षसों को मसलने के लिए जिम जा रहे हनुमान
बदलते दौर में रामलीला के मंचन में भी परिवर्तन आ रहा है। सजीव एक्टिंग के लिए पात्र स्वयं को तैयार करने में जुटे हैं। जहानागंज क्षेत्र के मुस्तफाबाद में आयोजित होने वाली रामलीला में हनुमान की किरदार निभाने वाले हरेंद्र कश्यप स्वयं को पात्र के हिसाब से ढालने के लिए छह माह से जिम में पसीना बहा रहे हैं। उनका बोलना है कि हनुमान बलशाली थे। राक्षसों को मसल देते थे। ऐसे में सजीव एक्टिंग के लिए उनकी तरह दिखना भी महत्वपूर्ण है।
प्लेन से आएंगे अंगद, आईएएस की तैयारी कर रहे मेघनाद
मुस्तफाबाद की रामलीला में एक्टिंग करने वाले अधिकतर कलाकार बाहर रहते हैं। 15 अक्तूबर से प्रारम्भ होने वाली रामलीला के लिए अधिकतर पात्र गांव पहुंच चुके हैं। मेघनाद का रोल निभाने वाले गोपाल यादव प्रयागराज में यूपीएससी की तैयारी करते हैं। वह रामलीला में एक्टिंग के लिए गांव आ गए हैं। वहीं, अंगद की किरदार निभाने वाले अनीश मिश्रा मुंबई में रहते हैं। वह 13 अक्तूबर को प्लेन से आएंगे। रामलीला के लिए पहले ही टिकट बुक करा लिया था।
कैकेयी भी रट रहीं संवाद
मुस्तफाबाद की रामलीला में स्त्रियों के रोल भी पुरुष ही निभाते हैं। इस बार कैकेयी का एक्टिंग करने की जिम्मेदारी हरेंद्र यादव को दी गई है। वह दिन-रात मंथरा और राजा दशरथ से होने वाले संवाद रट रहे हैं।