लखनऊ के बाद अब गोरखपुर में खुलने जा रहा है नया लूलू मॉल, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ के बाद दूसरा मॉल गीडा क्षेत्र में खोलने का लुलु इंटरनेशनल ग्रुप ने फैसला लिया है। गोरखपुर में मिनी मॉल बनेगा, जिसके लिए पांच एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। मॉल बनाने के लिए प्रारंभिक सहमति बन चुकी है, अब कंपनी के प्रतिनिधि 25 दिसंबर के बाद गोरखपुर आकर जमीन चिन्हित करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 30 नवंबर को गीडा के स्थापना दिवस पर प्रदेश के 80 उद्यमियों से वार्ता की थी और उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद गीडा प्रशासन ने इन उद्यमियों समेत राष्ट्र के अन्य बड़े उद्यमियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वार्ता प्रारम्भ की है जिसके सार्थक रिज़ल्ट भी मिलने लगे हैं। 10 बड़ी कंपनियों में लुलु माल और घड़ी डिटर्जेंट बनाने वाली आरएसपीएल ने गीडा में निवेश की ख़्वाहिश जताई है। कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, बंगलुरू, लखनऊ और कोयंबटूर में अपना मॉल खोल चुके लुलु ग्रुप के डायरेक्टर जय कुमार ने कहा कि सीएम की विशेष पहल पर गोरखपुर में मिनी शॉपिंग मॉल बनाने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है। नए मॉल में करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए प्रशासन के साथ मीटिंग हो चुकी है। गीडा की सीईओ अनुज मलिक ने कहा कि लुलु मॉल के अफसरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात हुई है। उनकी तरफ से 25 दिसंबर के बाद एक टीम भेजने की सूचना है। टीम को कालेसर के कामर्शियल प्लेस के अतिरिक्त अन्य जगहों पर भी जमीन दिखाई जाएगी। उनकी तरफ से जमीन पसंद किए जाने के बाद अगली प्रक्रिया प्रारम्भ होगी।
अदाणी समूह 150 एकड़ में लगाएगा सीमेंट फैक्टरी
अदाणी समूह धुरियापार में 150 एकड़ में सीमेंट फैक्टरी लगाने की तैयारी में है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने सहजनवा-धुरियापार प्रस्तावित रेललाइन के किनारे बनवारपार से उरुवा क्रॉसिंग के बीच की जमीन देखी है। कंपनी के प्रतिनिधि गीडा प्रशासन के संपर्क में हैं। आशा है कि नए वर्ष में इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो जाएगी। इसके अतिरिक्त छह अन्य सीमेंट कंपनियां भी गीडा प्रशासन के संपर्क में हैं, जिनसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चर्चा हो रही है। गीडा में छह सौ से अधिक इकाइयां प्रारम्भ हो चुकी हैं। अब प्रशासन का पूरा फोकस लिंक एक्सप्रेसवे और धुरियापार में बनने वाले नए औद्योगिक क्षेत्र पर है। धुरियापार का नया औद्योगिक क्षेत्र 55 सौ एकड़ का होगा। इसमें पहले चरण में 1600 एकड़ क्षेत्र का अधिग्रहण किया जा रहा है। किसानों से बात हो चुकी है और अब उनसे जमीन की रजिस्ट्री कराई जा रही है। हालांकि जब तक नामी-गिरामी कंपनियां यहां निवेश नहीं करेंगी, तब तक नोएडा जैसा औद्योगिक माहौल नहीं बन पाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए गीडा प्रशासन अदाणी समूह के संपर्क में है। समूह के प्रतिनिधि कुछ दिन पहले गोरखपुर आए थे। उन्हें लिंक एक्सप्रेस वे के अतिरिक्त धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में जमीन दिखाई गई थी। कंपनी के प्रतिनिधियों को जो स्थान पसंद आई वह सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन के किनारे है। बनवारपार और उरुवा क्रॉसिंग की बीच की यह स्थान अभी रेल लाइन के ड्राइंग के मुताबिक तय होनी है। फैक्टरी को ऐसी जमीन चाहिए, जहां तक रेलवे वैगन से कच्चा माल जा सके और तैयार माल भी दूसरे शहरों को भेजा जा सके।
छह और कंपनियों से भी हो रही बातचीत
बता दें कि बीते 30 नवंबर को गीडा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए उद्यमियों ने सीएम से चर्चा के बाद आवश्यकता के मुताबिक फैक्टरी के लिए स्थान भी देखी थी। सीमेंट की फैक्टरी लगाने वाले कई उद्यमियों को धुरियापार की जमीन पसंद आई। धुरियापार में मिक्सर प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे गजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सीमेंट के लिए कच्चा माल रेल के जरिए ही आता है। इसलिए सीमेंट से संबंधित फैक्टरियां वहीं लगेंगी, जहां रेल लाइन का सीधा जुड़ाव हो। सहजनवा-दोहरीघाट के बीच प्रस्तावित 81.17 किमी लंबी नयी रेल लाइन के बनते ही धुरियापार इंडस्ट्रियल एरिया की किस्मत चमक जाएगी। इसी आसार को देखते हुए गीडा प्रशासन ने यहां पहले चरण में 1600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण प्रारम्भ भी कर दिया है। सीमेंट लगाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि जमीन देखकर जा चुके हैं। रेल लाइन का निर्माण प्रारम्भ होने के साथ ही फैक्टरियों की गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी। गीडा सीईओ अनुज मलिक ने बोला कि धुरियापार में अदाणी समूह समेत सात कंपनियों से सीमेंट फैक्टरी की स्थापना को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा हो रही है। कई लोगों ने सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। सहजनवा-दोहरीघाट की प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण से धुरियापार इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्टरी लगाने का काम प्रारम्भ हो जाएगा। कोशिश है कि नए वर्ष की आरंभ में कुछ कंपनियों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाए।