उत्तर प्रदेश

भारतीय ज्ञान परंपरा सतत चलने वाला विषय है : प्रो. पवन मलिक

मेरठ, जेसी बोस यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो. पवन मलिक ने बोला कि भारतीय ज्ञान परंपरा सतत चलने वाला विषय है. भारतीय ज्ञान परंपरा तथा हिंदुस्तान एक सांस्कृतिक पहचान है. संभावनाओं को संभव करने वाली हमारे ज्ञान परंपरा है. विदेशियों ने भारतीय ज्ञान परंपरा को समाप्त करने का कोशिश किया.

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार विद्यालय में बुधवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. प्रो. पवन मलिक ने बोला कि मानव विचार और व्यवहार बनाने का काम मीडिया करता है. आज के युवा के पास ज्ञान है, टेक्नोलॉजी है और कुछ कर गुजरने का साहस भी है. आज का युवा सनातन को लेकर सतर्क है. आज के युवाओं को यह सोचने की जरूरत है कि 2047 विकसित हिंदुस्तान में मेरा कितना सहयोग है. नयी शिक्षा नीति में पहली बार ऐसा हुआ है कि शिक्षा नीति में राष्ट्रीय शब्द जोड़ा गया है. सर्वांगीण विकास ही नहीं सामाजिक स्तर, देश निर्माण, ग्लोबल सिटिजन नयी शिक्षा नीति में लाया गया है. इस शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ जोड़ना है. मीडिया शब्द का अर्थ एम से मी, ई से इमोशनल, डी से डिलीवरी, आई से इंटेलेक्चुअल, ए से एक्शन है. उन्होंने बोला कि रिफरेंस के कारण रेरेटिव बनते हैं.

मुख्य मेहमान गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी नोएडा की के पत्रकारिता विभाग की डीन प्रोफेसर बंदना पांडेय ने बोला कि हमारे वेदों में मौखिक संचार को जनसंचार का सबसे बड़ा माध्यम माना गया. किसी भी यूनिवर्सिटी में हमारे वेद-पुराणों को पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया. भारतीय ज्ञान परंपराओं को सामने लाने की जरूरत है. मीडिया ने कभी इस और कोशिश नहीं किया. मीडिया ने हमेशा धर्म और स्त्रियों पर फोकस किया. भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर गहन चिंतन मनन करने की जरूरत है. भारतीय ज्ञान परंपरा के संचार को पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत है.

कला संकाय के डीन प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा ने बोला कि भारतीय ज्ञान परंपरा लगातार बहती आई है. संवाद संचार का मुख्य कारक है. सुनने की परंपरा ही बोलने की परंपरा है. भारतीय ज्ञान परंपरा स्थिर नहीं है. उन्होंने बोला कि प्रश्न संवाद में परिवर्तित होकर संचार बनता है. संचार के मूल तत्व परंपरा में ही विद्यमान है. प्रश्न से जिज्ञासा, जिज्ञासा से संवाद और संवाद से संचार बनता है. तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार विद्यालय के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने सभी का स्वागत किया. डाक्टर दीपिका वर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया. संचालन आदित्य देव त्यागी ने किया.

इस अवसर पर बीनम यादव, डाक्टर मनोज श्रीवास्तव, अशोक कुमार, डाक्टर यशवेंद्र वर्मा, लव कुमार, मितेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे.

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