उत्तर प्रदेश

विशेषज्ञों के अनुसार, गाजर घास किसानों के रोजगार का बन सकता है बड़ा साधन

बलिया: फसल को नष्ट करने वाली ये घास फसल के लिए ही अमृत समान है आप चौंक गए होंगे दरअसल जानकारों की मानें तो गाजर घास किसानों के लिए रोजगार का बड़ा साधन बन सकती है फूल आने से पहले ही इस घास को काटकर यदि खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाए तो किसान इससे अच्छा फायदा कमा सकते हैं इसकी खाद के आगे बाजार की  महंगी से महंगी खाद भी फेल है आइए जानते हैं इसको लेकर जानकार क्या बता रहे हैं…

मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी  प्रो डाक्टर अशोक कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बोला कि यह एक ऐसी घास है, जो फसल को नष्ट कर देती है यह बेवजह उग जाती है इसे पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस या गाजर घास के नाम से जाना जाता है 2010-11 में हुए अध्ययन में हम लोगों ने पाया कि यह जहरीली घास किसानों के लिए एक रोजगार का बड़ा साधन बन सकता है

इस अनुपयोगी घास से किसान कमा सकते हैं बेहतर मुनाफा…

इस घास की खाद बाजार की खाद से कहीं बेहतर होती है इसमें बाजार की खाद के अपेक्षा नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश जैसे अनेक तत्वों  की मात्रा अधिक होती है किसानों को जहां बाजार से महंगे दामों में खाद खरीदनी पड़ती है वैसे में वह इससे फ्री में खाद बना सकते हैं इसको सुखाकर पैकेजिंग कर बाजार में भी बेचा जा सकता है इससे वह अच्छा फायदा कमा सकते हैं

यह है खाद बनाने की विधि…

यह ध्यान रहे कि इस घास में फूल आने से पहले ही इसको काट लें क्योंकि खाद में इसका फूल खेती के लिए अनुपयोगी होता है बिना फूल वाला 75 किलो गाजर घास को काटकर उसमें 25 किलो मिट्टी मिला लें इसके बाद इसको गड्ढे में डाल दें यह सरलता से 50 से 55 दिनों में सड़कर एक अच्छी जैविक खाद के रूप तैयार हो जाती है इसमें कुछ खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है

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