उत्तर प्रदेश

वरुण गांधी ने लिखा भावुक पत्र, कह दी ये बात

लखनऊ पीलीभीत लोकसभा सीट से इस बार टिकट न मिलने के बाद बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को एक भावुक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बोला है कि पीलीभीत के लोगों के साथ उनका रिश्ता अंतिम सांस तक रहेगा बृहस्पतिवार को लिखे गए इस पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए वरुण ने बोला कि एक सांसद के रूप में उनका कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा हो मगर पीलीभीत से उनका रिश्ता अंतिम सांस तक रहेगा

भाजपा ने महंगाई और बेरोजगारी के मामले पर अपनी ही गवर्नमेंट के विरुद्ध कई बार मुखर रहे वरुण गांधी का टिकट काटकर यूपी के लोक निर्माण मंत्री और पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है जितिन प्रसाद ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया पहले बताया जा रहा था कि वरुण पीलीभीत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन बुधवार को नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन भी उन्होंने पर्चा दाखिल नहीं किया, जिसके बाद उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की अनेक अटकलों पर विराम लग गया

साल का छोटा सा वह बच्चा याद आ रहा है जो…
उन्होंने पीलीभीत वासियों को लिखे पत्र में इस क्षेत्र से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं तो यादों ने मुझे भावुक कर दिया है मुझे तीन वर्ष का छोटा सा वह बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था उसे कहां पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्म भूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगेबीजेपी सांसद ने पत्र में कहा, ‘महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं बल्कि एक आदमी के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, आसानी और सहृदयता का बहुत बड़ा सहयोग है आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई है

सांसद के तौर पर कार्यकाल भले खत्म हो रहा हो, पर…
वरुण ने पत्र में आगे बोला कि एक सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल भले खत्म हो रहा हो, पर पीलीभीत से उनका रिश्ता आखिरी सांस तक समाप्त नहीं हो सकता उन्होंने लिखा ‘सांसद के रूप में नहीं तो बेटे के तौर पर ही सही, मैं जीवन भर आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे आपके लिए हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूं कि सदैव यह कार्य करता रहूं भले ही उसकी कोई भी मूल्य चुकानी पड़े

बीते 3 दशकों से पीलीभीत से चुनाव लड़ते रहे मेनका और वरुण
तीन दशक में पहली बार मेनका गांधी और उनके पुत्र वरुण गांधी दोनों ही पीलीभीत सीट के लिए चुनाव मैदान में नहीं हैं नेपाल से लगने वाली तराई पट्टी पर स्थित पीलीभीत से इस बार वरुण को टिकट न मिलना आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि किसानों, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर वह कई बार बीजेपी की निंदा कर चुके हैं वरुण की मां मेनका सुलतानपुर संसदीय सीट का अगुवाई कर रही हैं और बीजेपी ने इसी सीट से उन्हें दोबारा टिकट दिया है पीलीभीत सीट का अगुवाई 1996 से मेनका गांधी या उनके पुत्र वरुण करते रहे हैं

मेनका गांधी ने 1989 में जनता दल की उम्मीदवार के रूप में जीती थीं
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी साल 2009 में तथा 2019 में पीलीभीत से बीजेपी के सांसद चुने गए थे वरुण की मां मेनका गांधी ने साल 1989 में जनता दल की उम्मीदवार के रूप में पीलीभीत सीट जीती थी उन्हें 1991 में हार मिली थी लेकिन 1996 में उन्होंने इस सीट से एक बार फिर जीत हासिल की थी उन्होंने 1998 और 1999 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पीलीभीत से जीत हासिल की थी मेनका बाद में 2004 और 2014 में बीजेपी उम्मीदवार के रूप में पीलीभीत से सांसद बनीं वरुण गांधी 2009 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर पीलीभीत से सांसद बने थे

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