काशी विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं होगी हौद भराई मन्नत
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा पर रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रशासन ने तुरन्त असर से हौद भराई पूजा को बंद करने का आदेश दे दिया है। मंदिर प्रशासन ने यह फैसला हौद पूजा को अशास्त्रीय बताते हुए इस पर रोक लगाई है। इसकी पूजा की अब औनलाइन बुकिंग पर भी रोक लगा दी गई है। बता दें मंदिर प्रशासन ने यह फैसला मंदिर में बढ़ते हुए श्रद्धालुओं के भीड़ को देखते हुए लिया है, लेकिन उसके पहले आपको बता दें कि क्या है हौद भराई पूजा और क्यों लगी इस पर रोक।
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से हौद भराई पूजा का प्रचलन काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रारम्भ हुआ। इसमें शिवलिंग के हौद यानी चारों तरफ बने हुए आकर को दूध से भरा जाता है, जिसमें शिवलिंग को भी दूध में डुबोया जाता है। यह पूजा किसी के मन्नत पूरा होने पर की जाती है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने हौद भराई पूजा को अशास्त्रीय बताते हुए इस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली हौद भराई पूजा को अशास्त्रीय परंपरा हैं।
श्रद्धालुओं ने की थी शिकायत
बाबा विश्वनाथ के मंदिर में हौद भराई की पूजा लंबे समय से चली आ रही थी। इसके अनुसार 580 लीटर दूध से श्रद्धालु बाबा का अरघा भरवाते थे। इसके लिए 25 हजार 450 रुपये शुल्क लगता था। इसमें मंदिर की फीस 2250 रुपये और पूजन सामग्री पर 23 हजार दो सौ रुपये खर्च होते थे। मंदिर में भीड़ के कारण हौद भराई की पूजा से श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन करने में भी कठिनाई होती थी
इस पूजा में गर्भगृह में श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाते थे, जिससे उन्हें कठिनाई होती थी। ऐसे में श्रद्धालुओं की कम्पलेन के बाद मंदिर प्रशासन ने जब इसकी जांच कराई तो पता चला कि हौद भराई की परंपरा शास्त्रीय नहीं है। काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का रिकॉर्डतोड़ आगमन हो रहा है। श्रद्धालुओ को लगातार दर्शन मिलता रहे इसलिए इस अशास्त्रीय पूजा पर रोक लगा दी गई है। अब इसके लिए न तो रुपए जमा करने होंगे और ना ही इसका पूजा होगा।