उत्तर प्रदेश

आदर्श आचार संहिता के बाद तबादला आदेश पर अमल नहीं : हाईकोर्ट

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक अहम निर्णय में बोला कि चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पहले से जारी स्थानांतरण आदेश पर अमल नहीं किया जा सकता है. ऐसे ट्रांसफर आदेश पर अमल के लिए चुनाव आयोग की अनुमति महत्वपूर्ण है.

न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की एकल पीठ ने इस टिप्पणी के साथ झांसी जल संस्थान के महाप्रबंधक के लखनऊ ट्रांसफर और रिलीविंग आदेश को रद्द कर दिया. साथ ही न्यायालय ने बोला कि राज्य गवर्नमेंट यदि चाहे तो आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए महाप्रबंधक का स्थानांतरण कर सकती है. महाप्रबंधक ने याचिका दाखिल कर स्थानांतरण और रिलीविंग आदेश को चुनौती दी थी.

याची महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्य का बोलना था कि उसका स्थानांतरण झांसी से लखनऊ वाटर वर्क्स विभाग में किया गया था. 16 मार्च 2024 को दोपहर तीन बजे लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ राष्ट्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. उसी रोज याची के तबादले को लेकर रिलीविंग आदेश पारित किया गया. यह आदेश याची को उसी दिन रात साढ़े आठ बजे रिसीव कराया गया गया. जबकि दोपहर तीन बजे से आचार संहिता लागू हो चुकी थी. याची ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए स्थानांतरण और रिलीविंग आदेश को चुनौती दी थी. उधर, राज्य गवर्नमेंट की ओर से याचिका का विरोध किया गया.

कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश में बोला कि राज्य गवर्नमेंट रिलीविंग आदेश का परफेक्ट समय नहीं बता सकी. जबकि रिकॉर्ड से यह साफ है कि याची को रिलीविंग आदेश 16 मार्च को रात साढ़े आठ बजे प्राप्त कराया गया. ऐसे में आचार संहिता के प्रावधानों के अनुसार अधिसूचना जारी होने से पहले भी पारित स्थानांतरण आदेश को भी चुनाव आयोग की अनुमति से ही अमल में लाया जा सकता है. इस टिप्पणी के साथ न्यायालय ने याचिका मंजूर कर याची का स्थानांतरण और रिलीविंग आदेश रद्द कर दिया.

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