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Wrestling: भारतीय ओलंपिक संघ ने लिया बड़ा निर्णय

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कु्श्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का दैनिक कार्य संभाल रही तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय किया है. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले खेल संहिता के नियमों का उल्लंघन करने का हवाला देकर डब्ल्यूएफआई की नयी कार्यकारी समिति को निलंबित किया था जिसके बाद आईओए ने डब्लयूएफआई के संचालन के लिए तदर्थ समिति का गठन किया था. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के निर्देश पर डब्ल्यूएफआई को इस खेल का पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण मिला है.

आईओए का बोलना है कि तदर्थ समिति ने डब्ल्यूएफआई के योगदान से अगले महीने के ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट के लिए चयन ट्रायल का सफल आयोजन किया था. तदर्थ समिति के नेतृत्व में पुरुष और स्त्री वर्ग के कु्श्ती ट्रायल हाल ही में संपन्न हुए थे. मर्दों में जहां बजरंग को हार का सामना करना पड़ा था, वहीं स्त्री वर्ग में ड्रामा के बाद विनेश फोगाट 50 किग्रा वर्ग में जीत दर्ज करने में सफल रही थीं. ट्रायल के समाप्त होने के बाद कुश्ती महासंघ की बागडोर डब्ल्यूएफआई को सौंपी गई है. आईओए ने 10 मार्च को जारी अपने आदेश में कहा, दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय डूब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा डब्ल्यूएफआई पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए लिया गया.

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह इस निर्णय से काफी खुश हैं और उन्होंने भारतीय ओलंपिक संघ को धन्यवाद दिया. संजय का बोलना है कि चुनाव में जीत दर्ज करने वाली समिति को राष्ट्रीय महासंघ के संचालन का जिम्मा देने के लिए आईओए शुभकामना का पात्र है. संजय ने समाचार एजेंसी मीडिया से कहा, हम आईओए को हमें डब्ल्यूएफआई का पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण देने पर धन्यवाद देते हैं. हम पहलवानों को सभी तरह की सुविधाएं देंगे. हम जल्द ही राष्ट्रीय शिविर आयोजित करेंगे और यदि पहलवान विदेश में ट्रेनिंग करना चाहते हैं तो इसकी सुविधा भी उपलब्ध कराएंगे. हमारा ध्यान अब केवल ओलंपिक पर है. हमें आशा है कि पांच-छह पहलवान इसके लिए क्वालीफाई करेंगे.

यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भारतीय कुश्ती महासंघ की सदस्यता की थी बहाल

खेल मंत्रालय ने दिसंबर में डब्ल्यूएफआई को निलंबित किया था, लेकिन खेल की अंतरराष्ट्रीय संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने फरवरी में भारतीय कुश्ती महासंघ की सदस्यता बहाल की थी.

विनेश, बजरंग और साक्षी ने किया था प्रदर्शन

विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे शीर्ष पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध यौन उत्पीड़न का इल्जाम लगाया था और उनके विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया था. इन पहलवानों की मांग थी कि बृजभूषण को उनके पद से हटाया जाए और नए सिरे से चुनाव हों. बृजभूषण इस वर्ष डब्ल्यूएफआई का चुनाव नहीं लड़े और उनके करीबी माने जाने वाले संजय सिंह ने जीत दर्ज की. विनेश, बजरंग और साक्षी इससे खुश नहीं थे क्योंकि उनका बोलना था कि संजय सिंह बृजभूषण के करीबी हैं और ऐसे में पहलावनों को इन्साफ नहीं मिल सकेगा

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