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किस फैबरिक से बनती है इंडियन क्रिकेट टीम की ड्रेस?

वर्ल्‍ड कप 2023 का आगाज 5 अक्‍टूबर को वहीं से हुआ, जहां पर विश्‍व कप 2019 खत्‍म हुआ था वर्ल्‍ड कप 2023 के पहले मैच में न्‍यूजीलैंड और इंग्‍लैंड की भिड़ंत हुई न्‍यूजीलैंड ने इंग्‍लैंड को पहले मैच में 9 विकेट से करारी शिकस्‍त देकर वर्ल्‍ड कप 2019 के फाइनल में मिली हार का बदला चुकता कर दिया अब भारतीय क्रिकेट फैंस को हिंदुस्तान और ऑस्‍ट्रेलिया के 8 अक्‍टूबर को होने वाले विवाद का बेसब्री से प्रतीक्षा है जहां टीम इण्डिया बहुत बढ़िया नीली ड्रेस में मैदान में उतरेगी वहीं, ऑस्‍ट्रेलिया की टीम चमकदार पीली जर्सी में उतरेगी टीम इण्डिया की ड्रेस के कलर और फैबरिक में समय-समय पर परिवर्तन होता रहा है जानते हैं कि इस बार टीम इण्डिया की ड्रेस किस फैबरिक से बनाई गई है?

स्पोर्ट्स जर्सी और यूनिफॉर्म में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा विशेष प्रकार का होता है यूनिफॉर्म बनाते समयस कपड़े का चुनाव खेल और खिलाड़ियों के साथ ही मौसम को भी ध्‍यान में रखकर किया जाता है स्‍पोर्ट्स जर्सी बनाते समय ध्‍यान रखा जाता है कि कपड़ा पसीने को सोखने और धोने पर जल्‍दी सूखने वाला हो, दौड़ने और कूदने पर सरलता से फैल सकने वाला हो और सबसे बड़ी बात आरामदायक हो दरअसल, ठीक ड्रेस मैटेरियल से बनी यूनिफॉर्म क्रिकेटर्स समेत सभी गेम्‍स के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में काफी मददगार होती है

टीम इण्डिया की यूनिफॉर्म के लिए कौन-सा कपड़ा?
वर्ल्‍ड कप 2023 के लिए टीम इण्डिया की ड्रेस पॉली कॉटन यानी कॉटन और पॉलिएस्‍टर के मिश्रण से बने फैबरिक से तैयार की गई है पोली कॉटन यानी पीएमसी में 65 प्रतिशत कपास और 35 प्रतिशत पॉलिएस्टर होता है पीएमसी सही कपास से ज्‍यादा मजबूत और त्वचा के लिए आरामदायक फैबरिक होता है इसका वजन काफी हल्‍का होता है पीएमसी से बने कपड़े से हवा सरलता से गुजर जाती है इससे टीम इण्डिया के रणबांकुरों को उमस या गर्म मौसम में खेलने में परेशानी नहीं होगी यही नहीं, इस फेबरिक की चमक सूती कपड़े से ज्‍यादा होती है इस फैबरिक का प्रयोग क्रिकेट के अतिरिक्त फुटबॉल, हॉकी, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बेसबॉल में भी किया जाता है पीएमसी के लिए जीएसएम 160 से 170 है

टीम इण्डिया की ड्रेस पॉली कॉटन यानी कॉटन और पॉलिएस्‍टर के मिश्रण से बने फैबरिक से तैयार की गई है

डॉट निट फैबरिक का भी किया जाता था इस्‍तेमाल
डॉट निट फैबरिक स्‍पोर्ट्स जर्सी बनाने के लिए सबसे ज्‍यादा इस्तेमाल किया जाता है यह सौ फीसदी पॉलिएस्टर से बना होता है बुना हुआ कपड़ा धागों को आपस में जोड़कर बनाया जाता है यह वजन में हल्का होता है, इससे हवा सरलता से गुजरती है और ये भी पसीने को सरलता से सोख लेता है इस फैबरिक का प्रयोग क्रिकेट, हॉकी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन के प्‍लेयर्स की स्‍पोर्ट्स जर्सी बनाने में किया जाता है

गर्म जलवायु में बेहतर है राइस निट फैबरिक
राइस निट फैबरिक का नाम इसके प्रिंट स्‍ट्रक्‍चर के कारण पड़ा है इस कपड़े के ऊपर दिखने वाले डॉट्स कुछ-कुछ चावल की तरह दिखते हैं यह कपड़ा 160-170 जीएसएम का होता है इसका वजन भी काफी कम होता है गर्म जलवायु में इसके आरामदायक होने के कारण इसका प्रयोग सबसे ज्‍यादा फुटबॉल और हॉकी प्लेयर्स की जर्सी बनाने में किया जाता है इसकी चमक पॉली कॉटन और डॉट निट फैबरिक से कम होती है

तीन लेयर में बुना होता है एयर निट फैबरिक
एयर निट या एयर मेश फैबरिक काफी हल्का होता है भिन्न-भिन्न स्‍तर पर इस फैबरिक का प्रयोग क्रिकेट और हॉकी प्‍लेयर्स की जर्सी बनाने में किया जाता है एयर मेश फैब्रिक आमतौर पर तीन परतों में होता है, जो पॉलिएस्टर से बना होता है इसमें ऊपरी परत, मध्य परत और निचली परत के बीच हवा की मौजूदगी के कारण ही इसे एयर निट फैबरिक बोला जाता है इसके अतिरिक्त लेयर्स में बुना होने के कारण इसे सैंडविच फैबरिक भी बोला जाता है ये कपड़ा मुलायम और टिकाऊ होता है इसका प्रयोग बैग, कुर्सी, जूते, चप्पल, सीट कवर बनाने में भी किया जाता है

स्‍पेार्ट्स जर्सी के लिए बुने हुए फैबरिक के फायदे
स्‍पोर्ट्स जर्सी या यूनिफॉर्म बनाने के लिए बुने हुए फैबरिक का प्रयोग कई कारणों से किया जाता है दरअसल, यह अपने इंटरलॉक डिजाइन पैटर्न के कारण सरलता से फैल जाते हैं और पहनने पर खिलाड़ी को दौड़ने, भागने और कूदने की पूरी आजादी देता है ये कपड़ा लचीला होने के कारण फटने का डर नहीं रहता है वहीं, इसका यही गुण इसे रिंकल फ्री भी बनाता है बुना हुआ कपड़ा मुलायम होता है और स्किन फ्रेंडली रहता है वहीं, ऐसे फैबरिक से बनी ड्रेसेस को धोना, सुखाना और मेंटेन करना काफी सरल होता है हालांकि, बुने हुए कपड़े का लचीलापन इसे सिलकर आकार देने में मुश्किलें पैदा करता है

ज्‍यादा टिकाऊ होता है डायगनल फैबरिक
डायगनल फैबरिक जीएसएम 230-240 का होता है इसलिए इसका वजन बुने हुए फैबरिक के मुकाबले ज्‍यादा होता है वहीं, इससे हवा गुजरना करीब-करीब नामुमकिन होता है हालांकि, ये ज्‍यादा टिकाऊ और चमकदार होता है इसीलिए बेसबॉल, क्रिकेट और फुटबॉल समेत कई खेलों के पैंट्स में इस फैबरिक का प्रयोग किया जाता है इस कपड़े में सीधी रेखा वाला डायगनल पैटर्न होता है ये फैबरिक नरम होता है इसलिए इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है

साइडनेट डिजाइन के लिए पॉली मेश फैब्रिक
पॉली मेश फैब्रिक 100 प्रतिशत पॉलिएस्टर से बुना हुआ कपड़ा है ये फैबरिक भी काफी हल्का होता है इसका प्रयोग स्‍पोर्ट्स जर्सी में साइड नेट डिजाइन के लिए किया जाता है ये कपड़ा गर्म मौसम के लिए आरामदायक होता है पॉलीमेश फैब्रिक हाइड्रोफोबिक और टिकाऊ होता है जालीदार कपड़ों का प्रयोग खेल, कैंपिंग, शिकार और मछली पकड़ने के प्रोडक्‍ट्स बनाने में किया जाता है इसे धागों से बनाया जाता है इन धागों को रेशों, धातु या किसी लचीली सामग्री से तैयार किया जा सकता है आपस में खास पैटर्न में जुड़े धागे जाल जैसी संरचना बनाते हैं जालीदार कपड़ा काफी टिकाऊ, मजबूत और लचीला होता है

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