आईसीसी ने स्टंपिंग और संबंधित डीआरएस के नियमों में किया बदलाव
क्रिकेट न्यूज़ डेस्क। आईसीसी द्वारा हाल ही में स्टंपिंग और संबंधित डीआरएस के नियमों में परिवर्तन किया गया है। दो और नियम भी बदले गए। ये नए नियम इस वर्ष इंडियन प्रीमियर लीग 2024 और फिर जून में टी20 वर्ल्ड कप में लागू किए जाएंगे। यानी इन तीन नए नियमों से गेम और दिलचस्प हो सकता है। अंततः, वे तीन नियम कौन से हैं जिन्हें अब ICC द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया है?
स्टम्पिंग और डीआरएस नियम बदले गए
आईसीसी द्वारा सबसे बड़ा नियम परिवर्तन स्टंपिंग और उसके बाद अंपायर रिव्यू को लेकर है। अक्सर आपने देखा होगा कि स्टंपिंग के साथ-साथ यह भी जांचा जाता था कि गेंद बल्ले पर लगी है या नहीं। अक्सर इस मौके पर टीमों के डीआरएस बचा लिए जाते थे। इस पर विकेटकीपरों ने चालाकी प्रारम्भ कर दी। वह कई बार बिना डीआरएस लिए कैच को जांचने के लिए जानबूझकर स्टंपिंग का आह्वान करते थे ताकि फील्ड अंपायर तीसरे अंपायर के पास जाए। लेकिन अब ये नियम बदल गया है। अब यदि तीसरा अंपायर स्टंपिंग की समीक्षा करता है तो सिर्फ़ स्टंपिंग की जांच की जाएगी, कैच आउट नहीं। यदि फील्डिंग टीम को कैच चेक करना हो तो डीआरएस अलग से लेना पड़ता है।
कन्कशन विकल्प नियमों में बदलाव
इस बीच आईसीसी ने भी नए वर्ष पर अपने कन्कशन नियमों में परिवर्तन किया है। आपको बता दें कि यदि कोई खिलाड़ी सिर पर चोट लगने या चोट लगने के कारण मैदान से बाहर हो जाता है तो इसे कन्कशन बोला जाता है। नियम है कि किसी घायल खिलाड़ी की स्थान आखिरी 12 या 15 का हिस्सा खिलाड़ी ले सकता है। लेकिन अब इस नियम में थोड़ा परिवर्तन किया गया है कि यदि घायल खिलाड़ी को पहले ही गेंदबाजी करने से रोक दिया गया है तो स्थानापन्न खिलाड़ी भी गेंदबाजी नहीं कर सकता। साथ ही, यदि कोई खिलाड़ी घायल हो जाता है तो चिकित्सक और फिजियो आदि को यह तय करने के लिए अधिकतम 4 मिनट का समय मिलेगा कि क्या खिलाड़ी उपचार के बाद दोबारा खेल सकता है या चोट के कारण रिटायर हो सकता है।
थर्ड अंपायर द्वारा नो बॉल चेक करने का नियम
आपको बता दें कि क्रिकेट में पिछले कुछ वर्षों में फ्रंट फुट नो बॉल को थर्ड अंपायर द्वारा चेक किया गया है। यदि फ़ील्ड अंपायर नहीं देख पाता है, तो तीसरा अंपायर ‘नहीं’ कहता है। इसमें एक नया नियम जोड़ा गया है कि अब तीसरे अंपायर को गेंदबाज के पैरों पर नजर रखनी होगी। यानी अब फ्रंट फुट के अतिरिक्त थर्ड अंपायर को यह भी देखना होगा कि गेंदबाज का पैर लाइन के पीछे है या नहीं। अब थर्ड अंपायर को इस बात पर ध्यान देना होगा कि गेंदबाज का पैर बॉलिंग बॉक्स में है या नहीं।