रक्षा मंत्री ने एशियाई खेलों में पदक लाने वाले सशस्त्र बलों के खिलाड़ियों के लिए की नकद पुरस्कारों की घोषणा
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि।स।)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एशियाई खेलों में पदक लाने वाले सशस्त्र बलों के खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कारों की घोषणा की है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक लाने वाले खिलाड़ियों को 25 लाख रुपये, रजत पदक लाने वालों को 15 लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 10 लाख रुपये दिए जायेंगे। उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान के खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में अपने प्रदर्शन से हम सभी भारतवासियों का मस्तक ऊंचा किया है। आप सभी का यह प्रदर्शन नए और सशक्त हिंदुस्तान के साथ-साथ तीव्र गति से बढ़ते हुए हिंदुस्तान की भी पहचान है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एयर फ़ोर्स ऑडिटोरियम में भारतीय सशस्त्र बलों के एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के साथ वार्ता की। कार्यक्रम में एशियन गेम्स से लौटे वायु सेना के 10, नौसेना के 14 और इंडियन आर्मी के 52 यानी 76 पदक विजेता शामिल हुए। इन खिलाड़ियों से वार्ता में उन्होंने बोला कि वैसे तो पदक लाकर राष्ट्र का गौरव बढ़ाना अपने आप में श्रेष्ठतम पुरस्कार है, लेकिन रक्षा मंत्रालय की ओर से पदक विजेताओं को सम्मान राशि देने का निर्णय लिया गया है। इस बार के एशियन गेम्स में हिंदुस्तान ने कुल 107 पदक जीते हैं। पिछली बार यानी 2018 के एशियन गेम्स में हमने 70 पदक जीते थे। 70 पदकों से लेकर 107 पदकों तक का यह यात्रा उत्साह बढ़ाने वाला है।
रक्षा मंत्री ने चीन के हांगझू में हाल ही में संपन्न 19वें एशियाई खेलों में भाग लेने वाले सशस्त्र बलों के पदक विजेताओं, प्रतिभागियों और सहायक कर्मचारियों से मुलाक़ात की। एशियन गेम्स में तीन स्त्री खिलाड़ियों सहित 88 सैनिकों की एक टुकड़ी ने 18 खेलों में भाग लिया। उन्होंने बोला कि जब हम अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा और अंतरिक्ष जैसे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, तो खेल के क्षेत्र में बढ़ना यह महज संयोग नहीं है। जाहिर सी बात है इस विकास के पीछे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने की महत्वाकांक्षा है। रक्षा मंत्री ने उन खिलाड़ियों के प्रयासों को भी सराहा, जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन पदक नहीं जीत सके।
उन्होंने उन्हें फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह की याद दिलाई, जो 1960 के रोम ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ में हल्की अंतर से पदक जीतने से चूक गए थे लेकिन भारतीय एथलेटिक्स के मार्गदर्शक सितारे बन गए और आज भी सभी के लिए प्रेरणा हैं। राजनाथ सिंह ने विश्वास जताया कि ये पदक और प्रदर्शन राष्ट्र के युवाओं को खेलों में आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे। रक्षा मंत्री ने बोला कि चाहे युद्ध का मैदान हो या खेल का मैदान, एक सैनिक हमेशा समर्पण, अनुशासन, कड़ी मेहनत और राष्ट्र के लिए कुछ करने की ख़्वाहिश के कारण प्रदर्शन करता है। यही गुण हमें खेलों में पदक दिलाने में सहायता करते हैं।