जानिए टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम सेलेक्शन के अंदर की कहानी
अगर टी-20 वर्ल्डकप वर्ष भर पहले हुआ होता तो संभवत: न रोहित कप्तान होते और न ही विराट कोहली को टीम इण्डिया में स्थान मिलती. जीहां, उस समय जिस प्लान पर बीसीसीआई काम कर रहा था, उसमें रोहित और विराट शामिल नहीं थे. टी20 विश्वकप 2024 में युवा टीम उतारने की योजना पर काम चल रहा था. इसके अनुसार युवा प्रतिभाओं को मौके दिए जा रहे थे. फ्यूचर लीडरशिप पर बल दिया जा रहा था. टी-20 की कप्तानी हार्दिक पांड्या से लेकर सूर्यकुमार यादव तक को दी गई. दिसंबर में तो हार्दिक पांड्या को टी-20 में फुलटाइम कप्तान बनाने तक का प्लान बन चुका था. फिर अचानक इसी वर्ष जनवरी में अचानक बीसीसीआई ने यू-टर्न लिया. अफगानिस्तान के विरुद्ध टी-20 सिरीज में रोहित और कोहली की वापसी हुई. यह टी-20 विश्वकप से पहले टीम इण्डिया की अंतिम इंटरनेशनल सिरीज थी.
खत्म करना चाहेगी आईसीसी ट्रॉफी का सूखा
यह भी दिलचस्प है कि पिछले टी-20 वर्ल्डकप में टॉप-तीन में से दो बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन को हिंदुस्तान की परेशानी माना गया था. अब आखिर इनमें से दो बल्लेबाज अमेरिका और कैरेबियन में होने वाले टी-20 विश्वकप में भारतीय टीम के सदस्य हैं. असल में पिछले एक वर्ष की कवायद के बाद बीसीसीआई को भी यह बात समझ में आ चुकी है कि केवल युवाओं के भरोसे टी-20 विश्वकप जैसा बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीता जा सकता. यदि हिंदुस्तान को आईसीसी ट्रॉफी का सूखा समाप्त करना है तो उसे आजमाए हुए घोड़ों पर ही दांव लगाना होगा. इसी योजना के अनुसार विराट कोहली और रोहित शर्मा को टीम इण्डिया में स्थान मिली.
लगातार चल रही थी स्टडी
पिछले वर्ष भले हिंदुस्तान 50 ओवरों का विश्वकप खेल रहा था, वह टी20 में जीत का फॉर्मूला भी तलाश रहा था. भारतीय एक्सप्रेस के अनुसार इसके लिए बीसीसीआई ने पूरे विश्व की टॉप-टी2 टीमों के सक्सेस फॉर्मूला की स्टडी की. इतना ही नहीं, हिंदुस्तान ने पिछले 12 महीने में भिन्न-भिन्न फॉर्मेट की टीमें रखने पर बल दिया है. टी-20 में ईशान किशन, यशस्वी जायसवाल, रिंकू, तिलक वर्मा, जितेश शर्मा और अक्षर लगातार खेल रहे थे. लेकिन 2023 के वनडे वर्ल्डकप में रोहित ने अपना नया रूप दिखाया. इसके अतिरिक्त विराट कोहली ने भी दिखाया कि तीन नंबर पर उनके रनों की भूख कम नहीं हुई है. इसी के चलते बीसीसीआई ने इन दोनों को साथ लेकर चलने पर बल दिया.