Supreme Court: 12वीं के बाद सीधे तीन साल का LLB कोर्स कराए जाने की मांग पर सुनवाई आज
बारहवीं के बाद सीधे तीन वर्ष का एलएलबी कोर्स कराए जाने की मांग पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा. उच्चतम न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका में स्नातक और एलएलबी के पांच वर्ष के इंटीग्रेटेड कोर्स को अतार्किक बोला गया है. याचिकाकर्ता का बोलना है कि जैसे बारहवीं के बाद बेचलर आफ साइंस (बीएससी), बेचलर आफ आर्ट्स (बीए) आदि स्नातक डिग्रियां होती हैं वैसे ही एलएलबी होना चाहिए.
यह जनहित याचिका उच्चतम न्यायालय के वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है जिस पर सोमवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी. याचिका में उपाध्याय ने मांग की है कि केंद्र गवर्नमेंट और बार काउंसिल आफ इण्डिया को निर्देश दिया जाए कि वे बारहवीं के बाद तीन वर्ष का एलएलबी कोर्स कराने की संभावनाएं तलाशने के लिए एक जानकार समिति गठित करें.
ये है दूसरी मांग
दूसरी मांग है कि केंद्र सरकार, बार काउंसिल ऑफ इण्डिया और नेशनल ला यूनीवर्सिसटी संघ को निर्देश दिया जाए कि वे कानून के क्षेत्र में बेस्ट टैलेंट को आकर्षित करने और त्वरित इन्साफ का अधिकार और निष्पक्ष ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार करें.
याचिका में नेशनल ला यूनीर्वसिटीज के पांच वर्ष के बीए-एलएलबी और बीबीए- एलएलबी के कोर्स को अतार्किक बताते हुए बोला गया है कि जब आइआइटी से चार वर्ष में बीटेक होता है तो विद्यार्थियों को बीए- एलएलबी और बीबीए-एलएलबी का पांच वर्ष का कोर्स कराने की क्या आवश्यकता है उन्हें एलएलबी से असंबंद्ध आर्ट और कामर्स का अतिरिक्त ज्ञान देने की क्या आवश्यकता है.
पांच वर्ष की तुलना में तीन वर्ष के कोर्स की फीस कम होगी
याचिकाकर्ता का बोलना है कि लंबा और बहुत अधिक कोर्स विद्यार्थियों को कानून की पढ़ायी के प्रति हतोत्साहित करता है. मेधावी और बहुत गरीब बच्चे इसके बजाए इंजीनियरिंग, सिविल सर्विसेज या कोई और कोर्स चुनते हैं. बोला गया है कि बीए-एलएलबी और बीबीए-एलएलबी दोनों स्नातक कोर्स हैं और ऐसे में विद्यार्थी के कैरियर में दोनों की आवश्यकता नहीं है. पांच वर्ष की तुलना में तीन वर्ष के कोर्स की फीस कम होगी. किसी विद्यार्थी ने 12वीं में यदि विज्ञान विषय लिए हैं तो इस कोर्स के लिए जरूरी रूप से आर्ट या कामर्स पढ़ने का उस पर बोझ डालना प्रताड़ना जैसा है.
12वीं के बाद स्नातक का एक कोर्स करने का अधिकार
याचिका में बोला गया है कि विद्यार्थियों को 12वीं के बाद स्नातक का एक कोर्स करने का अधिकार है इसके बाद बचे दो वर्ष में वे एलएलएम कर सकते हैं या ज्यूडिशरी के लिए तैयारी कर सकते हैं. एलएलबी के विषयों की पढ़ाई तीन वर्ष में पूरी हो सकती है. मालूम हो कि नेशनल लॉ यूनीवर्सिटी पांच वर्ष का इंटीग्रेटेड लॉ कराती है और भी अन्य डीम्ड यूनिवर्सिटी पांच वर्ष का इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स कराते हैं.