खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा!विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में बढ़ती आपसी खटास
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस हफ्ते विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में बढ़ती आपसी खटास और पीएम मोदी के उतार प्रदेश में दिये गये एक जरूरी बयान पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने बोला कि विपक्षी गठबंधन इण्डिया के गठन के समय इसमें शामिल सियासी दलों ने सीट समझौते के दौरान ‘बड़ा दिल’ दिखाने संबंधी बड़ी-बड़ी बातें की थीं लेकिन 5 States Assembly Elections में सबने छोटा दिल दिखाते हुए किसी सहयोगी दल के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी। मध्य प्रदेश को लेकर कांग्रेस पार्टी और सपा के रिश्तों में खासतौर पर जो खिंचाव सामने आया है वह उतार प्रदेश में विपक्ष के लिए चुनावी संभावनाएं धूमिल करेगा। कांग्रेस पार्टी का रुख यदि ऐसा ही रहा तो गठबंधन साथियों के बीच अविश्वास की खाई बढ़ती ही चली जायेगी।
नीरज दुबे ने बोला कि अखिलेश यादव यह बोल चुके हैं कि जैसा व्यवहार हमारे साथ मध्य प्रदेश में हुआ है, वैसा हम यूपी में करेंगे। इससे स्पष्ट रूप से जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी को वह क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने मुलायम सिंह यादव का नाम लेते हुए बोला कि वह हमेशा अखिलेश यादव को कांग्रेस पार्टी से किसी भी तरह के राजनीतिक गठबंधन से दूरी बनाए रखने की हिदायत देते थे। हालांकि अखिलेश ने उन्हें कभी नहीं माना और आज देखिए किस ढंग से वह कांग्रेस पार्टी के झटको से नाराज हो रहे हैं। उन्होंने बोला कि शायद अखिलेश यादव को अब अपने पिता की बातें समझ में आ रही होगी। नीरज दुबे ने बोला कि वार्ता के बाद भी यदि सपा को एक भी सीट नहीं मिली तो इसे स्पष्ट रूप से जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी स्वयं को बड़े रुतबे वाली पार्टी दिखाने की प्रयास में है। उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी हमेशा बड़े भाई का रोल चाहती हैं लेकिन अब उसकी स्थिति में बदलाव आया है और यही कारण है कि उस छोटे दल उस रोल में स्वीकार नहीं करना चाह रहे। नीरज दुबे ने बोला कि हमने देखा है कैसे यूपी में सपा संसदीय चुनाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विरुद्ध उम्मीदवार नहीं उतरती थी और उन्हें जीत मिलती थी।
नीरज दुबे ने बोला कि अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस पार्टी ने जो व्यवहार किया है, उसे इण्डिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों को भी कुछ समझ में आया होगा। उनके लिए भी यह सबक होगा। नीरज दुबे ने बोला कि नीतीश कुमार शायद इन चीजों को समझने लगे हैं, यही कारण है कि वह मुंबई बैठक के बाद से शान्त दिख रहे हैं। ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की भी सक्रियता कम नजर आ रही है। गठबंधन को लेकर जो पहले चर्चाएं होती थी, उस पर अभी शांति दिखाई दे रही है। नीरज दुबे ने बोला कि बैठक में यह बोलना कि सभी को बड़ा दिल दिखाना होगा, बहुत सरल होता है लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सहयोगी दलों के लिए छोटा दिल भी नहीं दिखाया। गठबंधन सहयोगी के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से अच्छी भाषा का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। नीरज दुबे ने स्पष्ट रूप से बोला कि विधानसभा के ही चुनाव में यदि अविश्वास के खाई इतनी बड़ी है तो आगे क्या होगा?
प्रभासाक्षी संपादक ने बोला कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (RRTS) गलियारे के 17 किलोमीटर लंबे अहमियत वाले खंड का उद्घाटन करते हुए बोला कि अगले 12-18 महीने में जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी, तब भी वह लोगों की सेवा में मौजूद रहेंगे। उन्होंने बोला कि अगले वर्ष होने वाले Lok Sabha Elections 2024 से पहले पुनः पीएम बनने के संदर्भ में Modi का यह बयान काफी अर्थ रखता है। नीरज दुबे ने बोला कि पीएम हिंदुस्तान मंडपम में भी यह बात कह चुके हैं कि मैं अगले कार्यकाल में आऊंगा। नीरज दुबे ने यह भी दावा किया कि 2019 में भी बीजेपी और खास करके पीएम मोदी अपनी जीत को लेकर आस्वस्थ थे। नीरज दुबे ने बोला कि अगले तीन-चार महीना में हम देखेंगे कि बीजेपी कैसे अपने वादों को पूरा करते हुई दिखाई देगी और अनेक नई-नई चीजों का उद्घाटन भी होगा।