राष्ट्रीय

आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में हाईकोर्ट से झटका

बेंगलुरु कर्नाटक हाई कोर्ट की एक खंडपीठ आय से अधिक संपत्ति के मुद्दे में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की उस अपील पर बुधवार को आखिरी दलीलें सुनने के लिए तैयार है जिसे उन्होंने पिछली बीजेपी गवर्नमेंट द्वारा उनके खिलाफ CBI जांच की स्वीकृति देने के विरुद्ध दाखिल किया है CBI की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू तथा शिवकुमार का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता उदय होल्ला मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित के समक्ष दलील पेश कर सकते हैं

इस बीच बीजेपी नेता और विजयपुरा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के विरुद्ध जांच के लिए CBI को दी गई सहमति वापस लेने के राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय को लेकर हस्तक्षेप आवेदन (आईए) दाखिल किया है शिवकुमार कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी हैं आवेदन में बोला गया है, ‘वर्तमान हस्तक्षेप आवेदन यह बताने के लिए दाखिल किया गया है कि कैसे पूरी राज्य मशीनरी जांच को बाधित करने में शामिल हो रही है’ प्रस्ताव में CBI जांच वापस लेने की मांग के अतिरिक्त जांच राज्य पुलिस विभाग को सौंपने की भी मांग की गई है

कर्नाटक में आय से अधिक संपत्ति के लगभग 577 मामले
अक्टूबर महीने में कर्नाटक के उप सीएम डीके शिवकुमार को आय से अधिक संपत्ति रखने के मुद्दे में उच्च न्यायालय से झटका लगा था कर्नाटक उच्च न्यायालय ने करप्शन के मुद्दे में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली डीके शिवकुमार की याचिका खारिज कर दी थी जानकारी के मुताबिक डीके शिवकुमार के कार्यालय ने दावा किया है कि कर्नाटक में आय से अधिक संपत्ति के लगभग 577 मुद्दे सामने आए लेकिन उनमें से कोई भी CBI को नहीं सौंपा गया

येदियुरप्पा 2019 में मुद्दे को केंद्रीय जांच को सौंपने पर हुए थे सहमत 
मामले की 2018 में डीके शिवकुमार के विरुद्ध FIR दर्ज की थी सीएम बीएस येदियुरप्पा 2019 में मुद्दे को केंद्रीय जांच को सौंपने पर सहमत हुए थे शिवकुमार ने पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय से पूर्ववर्ती भाजपा की प्रतिनिधित्व वाली येदियुरप्पा गवर्नमेंट के आदेश को रद्द करने का निवेदन किया था, लेकिन इस वर्ष अप्रैल में न्यायालय ने उनके निवेदन को खारिज कर दिया था सूत्रों ने बोला कि ऐसे सभी मामलों की जांच या तो आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी), करप्शन निरोधक ब्यूरो (एसीबी) या राज्य में लोकायुक्त द्वारा की गई थी

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