पाकिस्तान के झूठे दावों पर राइट टू रिप्लाई के तहत जवाब देते हुए भारत ने पाकिस्तान से साफ-साफ कहा…
India Reply To Pakistan: संयुक्त देश महासभा (UNGA) में पाक (Pakistan) के दुष्प्रचार की हिंदुस्तान ने हवा निकाल दी है। पाक के झूठे दावों पर राइट टू रिप्लाई के अनुसार उत्तर देते हुए हिंदुस्तान ने पाक से साफ-साफ बोला कि अपने राष्ट्र में अल्पसंख्यकों का दमन करने वाले पाक को हिंदुस्तान के आंतरिक मामलों में बोलने का अधिकार नहीं है। हिंदुस्तान ने बोला कि पाक दुनिया में आतंकवादियों का सबसे बड़ा सेफ हैवन है। मुंबई आतंकवादी हमले (Mumbai Terror Attack) के गुनहगार 15 वर्ष से आजाद घूम रहे हैं। दक्षिण एशिया में शांति के लिए हिंदुस्तान ने पाक से फौरन 3 बड़े कदम उठाने को बोला है। हिंदुस्तान ने पाक से बोला है कि वो फौरन सीमापार आतंकवाद बंद करे और आतंकवादी ढांचे को नष्ट करे।
पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
भारत ने संयुक्त देश महासभा में पड़ोसी राष्ट्र को उत्तर देते हुए ये भी बोला कि पाक भारतीय क्षेत्र पर गैरकानूनी कब्जे को खाली करे और पाक अपने राष्ट्र में अल्पसंख्यकों का दमन बंद करे। बता दें कि UNGA के मंच पर पाक दोबारा से कश्मीर राग अलापने पहुंचा। इस बार पाक ने असत्य बोलने की सारी हदें पार कर दी। पाक ने साबित कर दिया कि विपरीत चोर कोतवाल को डांटे ये कहावत उसी के लिए बनी है।
पाकिस्तान के पास नहीं बचा कोई मुद्दा
गौरतलब है कि हिंदुस्तान में जी 20 सम्मेलन, PoK में विरोध प्रदर्शन, महंगाई और दूसरे राष्ट्रों से भीख मांगते-मांगते पाक इतना परेशान हो गया है कि उसके पास हिंदुस्तान को घेरने का मामला ही नहीं बचा। ऐसे में वो थक हारकर बार-बार कश्मीर राग अलापने लगता है। UNGA के मंच पर उसने फिर एक बार वही किया।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार भूला पाकिस्तान
यही नहीं पाक को अब हिंदुस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की चिंता भी होने लगी है। आतंकवाद को पालने पोसने वाला पाक स्वयं आतंकवाद से लड़ने की बातें कर रहा है। पाक ने बोला कि हमें बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकियों का मुकाबला करना चाहिए, जिसमें हिंदुस्तान के मुसलमानों और ईसाइयों के विरुद्ध समान रूप से नरसंहार की धमकी देने वाले हिंदुत्व से प्रेरित चरमपंथियों, जैसे दूर-दराज के चरमपंथी और फासीवादी समूहों द्वारा उत्पन्न बढ़ते खतरे भी शामिल हैं। लेकिन UNGA जैसे मंच पर अपने मतलब की बातें करने वाला पाक उसके स्वयं के राष्ट्र में अल्पसंख्यकों पर होने अत्याचार का जिक्र करना भूल गया।