राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे द्वारा धारावी विकास पर अडानी के खिलाफ मोर्चा निकालने पर…
Raj Thackeray attack on Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र में धारावी के पुनर्विकास को लेकर राजनीति जारी है। इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे द्वारा धारावी के विकास पर अडानी के विरुद्ध मोर्चा निकालने पर बयान दिया है। राज ठाकरे ने बोला कि लगता है अडानी से इनकी सेटलमेंट नहीं हुई।
8 महीने बाद क्यों खोला मोर्चा: राज ठाकरे
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, ‘सभी प्रोजेक्ट अडानी को ही क्यों दिए जा रहे हैं। पोर्ट और एयरपोर्ट सभी अडानी का है। प्रोजेक्ट करीब 8 महीने पहले अडानी को दिया गया, लेकिन महाविकास आगाड़ी ने अभी क्यों मोर्चा निकाला। लगता है अडानी के साथ इनकी सेटलमेंट नहीं हुई।
मै विकास विरोधी नहीं: उद्धव ठाकरे
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को धारावी परियोजना के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित किया था। उन्होंने बोला था कि वह विकास विरोधी नहीं हैं और सत्ताधारी भाजपा उनके नेतृत्व वाली एमवीए गवर्नमेंट के दौरान बिल्डरों के समर्थन में लिया गया एक भी निर्णय दिखाए। अडाणी समूह की धारावी पुनर्विकास परियोजना के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित करते हुए ठाकरे ने बीजेपी के आरोपों का भी खंडन किया कि इसके लिए निविदा उनके सीएम रहते हुए जारी की गई थी।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘यह इल्जाम गलत है। मुझे ऐसा कोई एक सरकारी आदेश दिखाएं। हमारी गवर्नमेंट विश्वासघात के कारण गिरी, क्योंकि वह बिल्डर समर्थक नहीं थे।’ ठाकरे ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया, ‘अब आप समझ सकते हैं कि मेरी गवर्नमेंट को गिराने के लिए किसने पैसा दिया था। शिवसेना के रहते हुए, बीजेपी अपने दोस्तों की सहायता नहीं कर सकती थी, इसलिए मेरी पार्टी तोड़ी गई और उसका चुनाव चिन्ह चोरी कर लिया गया।’ उन्होंने आगे बोला कि धारावी ने कोविड महामारी से लड़ाई लड़ी और यह किसी भी बिल्डर के सामने सेरेण्डर नहीं करेगा। उन्होंने इल्जाम लगाया कि पुनर्विकास परियोजना में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताएं शामिल हैं और यह दुनिया का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है।
‘बोली प्रक्रिया के जरिए अदाणी समूह को सौंपी गई थी परियोजना’
धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (DRPPL) के प्रवक्ता ने इस पर बयान जारी किया है। उन्होंने बोला कि धारावी परियोजना एक निष्पक्ष, खुली और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से अदाणी समूह को सौंपी गई थी। प्रवक्ता ने कहा, ‘यह ध्यान रखना जरूरी है कि टेंडर शर्तों को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गवर्नमेंट के कार्यकाल के दौरान आखिरी रूप दिया गया था, जिसने जून 2022 के अंत में कार्यालय छोड़ दिया था। दायित्वों और प्रोत्साहनों सहित आखिरी शर्तों को आखिरी रूप दिया गया था, जो सभी को पता था निविदा प्रक्रिया के बाद पुरस्कार प्राप्तकर्ता के लिए बोलीदाताओं को नहीं बदला गया है। इसलिए, यह दावा करना गलत है कि पुरस्कार प्राप्तकर्ता को कोई विशेष फायदा दिया गया है।’